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मिड-स्मॉलकैप की नरमी से अटकी IPO की तिजोरी

Stock Market: बाजार धारणा नरम पड़ने से IPO लाने में विलंब कर सकती हैं कंपनियां

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हर्षिता सिंह   
Last Updated- March 24, 2024 | 10:37 PM IST

विश्लेषकों का कहना है कि इ​क्विटी बाजार में कमजोरी का प्राथमिक बाजार में निवेशक भागीदारी पर दबाव पड़ने की संभावना है। इसके संकेत दिखने भी लगे हैं। उनका कहना है कि जब तक मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में उतार-चढ़ाव रहेगा तब तक यह असर बना रह सकता है।

स्वतंत्र विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने छोटे और मझोले उद्यमों का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह असर आईपीओ बाजार में महसूस किया जाएगा। पिछले कुछ दिनों में आवेदन का स्तर घटा है और पिछले 4-5 आईपीओ ने अच्छा प्रदर्शन भी नहीं किया है। एसएमई में भी, ग्रे बाजार का प्रीमियम पहले जैसा नहीं रह गया है।’

प्राइम डेटाबेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 57 भारतीय कंपनियों ने पिछले साल आईपीओ के जरिये 49,434 करोड़ रुपये जुटाए जो 2022 में 40 ऐसे निर्गमों के जरिये जुटाई गई 59,302 करोड़ रुपये की राशि की तुलना में 17 प्रतिशत कम है। हालांकि 2022 में एलआईसी के आईपीओ को हटा दें तो जुटाई गई राशि पिछले वर्ष की तुलना में 28 प्रतिशत तक ज्यादा थी।

कैलेंडर वर्ष 2024 की शुरुआत में 28,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही 27 कंपनियों को आईपीओ के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिली थी। मगर वे आगे नहीं बढ़ रहीं। करीब 40,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाने वाली अन्य 36 कंपनियां सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रही थीं।

प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार 19 मार्च तक 21 नई सूचीबद्धताओं में से 10 को शानदार अ​भिदान मिलने के बावजूद उनका प्रदर्शन कमजोर रहा। इनमें ईपैक ड्यूरेबल, जन स्मॉल फाइनैंस बैंक, कैपिटल स्मॉल फाइनैंस बैंक और एंटेरो हेल्थकेयर शामिल हैं, जिनके शेयर सूचीबद्धता के दिन ही 9 से 11 प्रतिशत तक गिर गए।

कमजोर सूचीबद्धता

12 मार्च और 19 मार्च के बीच पांच नए शेयरों ने सुस्त एवं कमजोर सूचीबद्धता दर्ज की और वे मजबूत अ​भिदान के बावजूद नुकसान के साथ बंद हुए। 6 कारोबारी सत्रों में बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में 5-5 प्रतिशत की कमजोरी आई क्योंकि सेबी ने इन दो सेगमेंट में कीमतों में जोड़तोड़ और बुलबुले जैसे हालात का संदेह जताया था।

दोनों बीएसई सूचकांक फरवरी में बनाए गए अपने ऊंचे स्तरों से करीब 11 प्रतिशत नीचे आ गए हैं। कमजोर रहने वाले नए आईपीओ में जेजी केमिकल्स को 28.5 गुना का शानदार अ​भिदान मिला था मगर वह पिछले सप्ताह पहले ही दिन अपने निर्गम भाव से 16 प्रतिशत नीचे बंद हुआ। आरके स्वामी 26 गुना अ​भिदान मिलने के बाद भी अपने सूचीबद्धता वाले दिन 8 प्रतिशत गिरावट का ​शिकार हुआ।

गोपाल स्नैक्स और पॉपुलर व्हीकल्स की पेशकशों को पिछले सप्ताह ज्यादा बोलियां मिलीं लेकिन इनके शेयर पहले ही दिन 10 प्रतिशत तक की कमजोरी के साथ बंद हुए। भारत हाइवेज इनविट सपाट सूचीबद्ध हुआ और अंत में यह करीब 3 प्र​तिशत तक की तेजी के साथ बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर आरबीआई की ताजा सख्ती से प्राथमिक बाजार में नकदी प्रवाह पर दबाव पड़ सकता है।

सतर्कता बढ़ने के आसार

चूंकि प्रमुख बाजार में सुस्ती के बीच आईपीओ का आकर्षण कमजोर पड़ा है। इसलिए प्राथमिक बाजार के जरिये पूंजी जुटाने की संभावना तलाश रहीं कंपनियां अपनी योजनाओं को टाल सकती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इस कमजोरी का प्रभाव आईपीओ के मूल्य निर्धारण और आकार में भी दिख सकता है।

विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक खासकर मजबूत बु​नियादी आधार वाली कंपनियों के आईपीओ पर दांव लगाएं और दीर्घाव​धि नजरिया बरकरार रखें क्योंकि अल्पाव​धि मुनाफा कमाने के लिहाज से मौजूदा बाजार परिवेश अनुकूल नहीं है।

First Published : March 24, 2024 | 10:37 PM IST