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IPO Alert: शेयर मार्केट में गिरावट का असर आईपीओ पर भी, फरवरी में आवेदन हुए कम, बाजार की चमक फीकी

पिछले महीने 14 कंपनियों ने आईपीओ लाने के लिए डीआरएचपी दा​खिल ​कराया था, जो जनवरी के 29 आवेदनों से कम है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- March 03, 2025 | 10:29 PM IST

शेयर बाजार में लगातार हो रही बिकवाली का असर आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार पर भी पड़ा है। फरवरी महीने में कंपनियों की ओर से किए जाने वाले आईपीओ आवेदनों (डीआरएचपी) की संख्या में काफी गिरावट आई है।

पिछले महीने 14 कंपनियों ने आईपीओ लाने के लिए डीआरएचपी दा​खिल ​कराया था, जो जनवरी के 29 आवेदनों से कम है। फरवरी में आईपीओ के लिए नवंबर 2024 के बाद किसी भी महीने में सबसे कम आवेदन दा​खिल किए गए। निर्गम के आकार की बात करें तो 14 कंपनियां कुल मिलाकर 9,695 करोड़ रुपये जुटाने की संभावना देख रही हैं जो 9 महीने में सबसे कम है।

डीआरएचपी प्रारं​भिक दस्तावेज होता है, जिसे आईपीओ लाने वाली कंपनियों को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा कराना होता है। इसमें निर्गम में जारी किए जाने वाले शेयरों की संख्या, वित्तीय नतीजे और जो​खिम कारक जैसे जरूरी विवरण होते हैं।

डीआरएचपी फाइलिंग में गिरावट इस बात का संकेत है कि कंपनियां सूचबीद्ध होने से फिलहाल परहेज कर रही हैं। 

प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव ह​ल्दिया ने कहा, ‘फरवरी में आईपीओ के लिए आवेदन की संख्या में गिरावट बाजार की भावना को दर्शाता है। कंपनियां अभी इंतजार कर रही हैं और बाजार पर नजर रख रही हैं। आईपीओ के लिए आगे बढ़ने से पहले वे बाजार में स्थिरता आने या तेजी लौटने का इंतजार कर रही हैं। पिछले साल अक्टूबर से ही बाजार में उठापटक देखी जा रही है। जनवरी में अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से नीतियों पर अनि​श्चितता बढ़ गई है जिससे निवेशक बेहद सतर्क हो गए हैं।’

इक्विरस कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक अजय गर्ग ने कहा, ‘जब मौजूदा सौदे पूरे नहीं हो रहे हों तो फाइलिंग में मंदी आना वाजिब है। जब बाजार नरम होता है तो कंपनियां आगे बढ़ने से परहेज करती हैं। इसके अलावा आईपीओ लाने की चाहत रखने वाली कंपनियों को अपने निर्गम दस्तावेज दाखिल करते समय बदले हुए वैश्विक हालात और कारोबार पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में भी रखना चाहिए।’

फरवरी में जिन कंपनियों ने आईपीओ के लिए आवेदन किया है, उनमें वीवर्क इंडिया मैनेजमेंट, वीडा ​क्लीनिकल रिसर्च, अटलांटा इले​क्ट्रिकल्स, अमंता हेल्थकेयर और  ग्लोटिस शामिल हैं।

बैंकरों का कहना है कि बाजार में गिरावट के कारण आईपीओ के लिए आवेदनों की संख्या में कमी आई है। अक्टूबर 2024 से ही बाजार में गिरावट बनी हुई है। ​विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से इस साल निफ्टी 50 अभी तक 6.5 फीसदी टूट चुका है। अपने उच्चतम स्तर से निफ्टी 15.6 फीसदी लुढ़क चुका है और मिडकैप तथा स्मॉल कैप में भी भारी गिरावट आई है। निफ्टी मिडकैप अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 21 फीसदी और स्मॉलकैप 25.4 फीसदी टूट चुका है। आईपीओ लाने वाली ज्यादातर कंपनियां मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट की होती हैं।

First Published : March 3, 2025 | 10:29 PM IST