एचडीबी फाइनैंशियल के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम की पेशकश कीमतों में भारी कटौती म्युचुअल फंडों, बीमा कंपनियों और अग्रणी विदेशी संस्थागत निवेशकों समेत उच्च गुणवत्ता वाले निवेशकों के साथ व्यापक रोडशो और उनसे मिले फीडबैक के बाद की गई। कंपनी के प्रबंधन और आईपीओ से जुड़े बैंकरों ने शुक्रवार को यह बताया। आईपीओ का कीमत दायरा इस कंपनी के शेयरों की असूचीबद्ध बाजार में हो रही ट्रेडिंग के मुकाबले काफी कम है। अगर आरबीआई के परिपत्र का मसौदा लागू हुआ तो एचडीबी की प्रवर्तक एचडीएफसी बैंक को अपनी हिस्सेदारी घटाकर 20 फीसदी पर लानी पड़ सकती है।
बैंकरों ने कहा कि असूचीबद्ध बाजार में मूल्य निर्धारण किसी भी प्रबंधन इनपुट के बगैर है। एचडीबी फाइनैंशियल ने अपने आईपीओ के लिए 700 से 740 रुपये का कीमत दायरा तय किया है। आईपीओ 25 को खुलकर 27 जून को बंद होगा। 24 जून को एंकर निवेशक आवेदन कर पाएंगे।
जेएम फाइनैंशियल में निवेश बैंकिंग प्रभाग की प्रबंध निदेशक और सीईओ सोनिया दासगुप्ता ने कहा, किसी शेयर विशेष का असूचीबद्ध बाजार में किस तरह से कारोबार होता है, इसका वास्तव में कंपनी, प्रबंधन या डीलरों की किसी भी तरह की भागीदारी से कोई संबंध नहीं होता। हमने इसके मूल्य निर्धारण को किसी भी अन्य आईपीओ की तरह देखा है और मूल्यांकन किया है कि निवेशकों के साथ जुड़ने के लिए सही मूल्य निर्धारण क्या होगा। मुझे लगता है कि हमने इसी तरह से इसका मूल्य निर्धारण किया है।
अपने विवरणिका के मसौदे (डीआरएचपी) में एचडीबी ने कहा है कि अगर आरबीआई द्वारा 4 अक्टूबर, 2024 को जारी मसौदा परिपत्र को उसके वर्तमान स्वरूप में लागू किया जाता है तो ओवरलैपिंग कारोबार के कारण एचडीएफसी बैंक को हमारी कंपनी में अपना स्वामित्व 20 फीसदी से भी कम करना पड़ सकता है, जिसका हमारे कारोबारी परिचालन, वित्तीय स्थिति और शेयर मूल्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। आरबीआई के मसौदा परिपत्र के अनुसार, बैंक और उसकी समूह संस्थाओं द्वारा की जाने वाली ऋण गतिविधियों में कोई ओवरलैप नहीं हो सकता है।
जेफरीज इंडिया के इक्विटी कैपिटल मार्केट प्रमुख जे. जैकब ने कहा, ‘आरबीआई के परिपत्र पर निवेशकों के साथ चर्चा हुई। प्रबंधन इनसे निपटने में सक्षम था। हमारे पास एंकर बुक का एक बेहतरीन सेट है, जो मंगलवार को प्रकाशित होगा। केवल म्युचुअल फंड और बीमा कंपनियां ही नहीं बल्कि अग्रणी एफआईआई भी हैं, जो इस बात को लेकर सहज हैं कि कंपनी
के सूचीबद्ध होने पर किस तरह का मॉडल होगा।’
जैकब के अनुसार, कीमत निर्धारण व्यापक संस्थागत रोडशो के आधार पर किया गया है। असूचीबद्ध बाजार में जो कुछ भी हो रहा है, वह प्रबंधन द्वारा कारोबार को स्पष्ट किए बिना या निवेशकों को इसकी बारीकियों को समझने में मदद किए बिना हो रहा है। इसलिए, प्रबंधन और बैंकर के रूप में असूचीबद्ध क्षेत्र में क्या होता है, इस पर हमारा कोई असर नहीं है।
उन्होंने कहा, आईपीओ की कीमत ज्यादा वैज्ञानिक और उच्च गुणवत्ता वाले निवेशकों से मिले फीडबैक पर आधारित है। कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर एचडीएफसी बैंक प्रवर्तित एचडीबी फाइनैंशियल का मूल्यांकन करीब 61,000 करोड़ रुपये होगा, जो इसे देश में निजी क्षेत्र की 10 अग्रणी वित्तीय कंपनियों में शामिल करा देगा। पिछले तीन साल में पूंजी बाजार में उतरने वाले आईपीओ में एचडीबी का आईपीओ दूसरा सबसे बड़ा और कुल मिलाकर पांचवां सबसे बड़ा होगा।
इससे पहले ह्युंडै इंडिया, एलआईसी, पेटीएम और कोल इंडिया ने बड़े आईपीओ पेश किए थे। इसके अतिरिक्त, यह पिछले सात साल में एचडीएफसी समूह की तरफ से पेश होने वाला पहला आईपीओ होगा, इससे पहले एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस को सूचीबद्ध कराया गया था।