आईपीओ

IPO मार्केट के लिए 1996 के बाद दूसरी बार सबसे अच्छा रहा दिसंबर

91 कंपनियों ने मेनबोर्ड आईपीओ से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जो 2021 में जुटाई गई 1.19 लाख करोड़ रुपये की रकम से ज्यादा है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- January 02, 2025 | 10:33 PM IST

दिसंबर 2024 में 15 कंपनियों द्वारा अपने आईपीओ लाए जाने के साथ ही दिसंबर ऐसी पेशकशों की संख्या के संदर्भ में 1996 के बाद से सबसे शानदार महीना रहा। इन कंपनियों ने संयुक्त रूप से 25,425 करोड़ रुपये जुटाकर दिसंबर को जुटाई जाने वाली पूंजी की मात्रा के संदर्भ में भी शानदार महीना बना दिया। दिसंबर 1996 में 33 कंपनियों ने 931 करोड़ रुपये जुटाए थे।

वन मोबी​क्विक सिस्टम्स ने 572 करोड़ रुपये जुटाए, विशाल मेगामार्ट ने 8,000 करोड़ रुपये, इंटरनैशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने 4,225 करोड़ रुपये और डैम कैपिटल एडवाइजर्स ने 840 करोड़ रुपये जुटाए। ये ऐसे कुछ आईपीओ थे जो पिछले महीने बाजार में दमदार साबित हुए।

दिसंबर को सामान्य तौर पर आईपीओ के लिए सुस्त महीना माना जाता है, क्योंकि महीने के दूसरे पखवाड़े में होलिडे सीजन की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की दिलचस्पी घट जाती है। वर्ष 1997 से 2020 तक दिसंबर में आईपीओ की संख्या एक अंक में थी। लेकिन 2021 से हालात बदल गए और 2022 को छोड़कर बाकी तीन दिसंबर महीनों में 11 आईपीओ आए।

निवेश बैंकरों का कहना है कि इ​क्विटी बाजार में घरेलू संस्थागत प्रवाह, वर्ष के अंत की छुट्टियों के दौरान भी निवेशकों की कुछ हद तक दिलचस्पी बने रहने और लिस्टिंग के बाद दमदार रिटर्न के कारण दिसंबर में आईपीओ को सफलता मिली।

सेंट्रम कैपिटल में पार्टनर (इन्वेस्टमेंट बैंकिंग) प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘इससे पहले, आईपीओ से पूंजी जुटाने का काम विदेशी निवेशकों द्वारा किया जाता था, जिसमें दिसंबर में नरमी आ जाती थी। लेकिन पिछले तीन वर्षों में, बाजार घरेलू निवेशकों पर केंद्रित हुआ है। इसके अलावा, धारणा मजबूत है और बैंकरों को अच्छी अच्छे सब​स्क्रिप्शन का भरोसा है। एफपीआई सेकंडरी बाजारों में बिकवाली कर आईपीओ में भागीदारी कर रहे हैं।’

वर्ष 2024 में, घरेलू संस्थागत निवेशक करीब 5.3 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे और विदेशी निवेशकों ने प्राथमिक बाजारों में 1.2 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की, भले ही वे सेकंडरी बाजारों में 1.25 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे।

बैंकरों का कहना है कि निर्गमों के मूल्य ने निवेशकों के लिए उन्हें ऐसे समय में आकर्षक बना दिया जब सेकंडरी बाजार में महंगे मूल्यांकन को लेकर चिंताएं थीं। इ​क्विरस के प्रबंध निदेशक एवं प्रमुख (​इ​क्विटी कैपिटल मार्केट्स) मुनीश अग्रवाल ने कहा, ‘आईपीओ में बड़ी तादाद में निवेशक शामिल हैं क्योंकि रिटर्न की संभावना बेहतर है। मूल्यांकन भी उचित था, कम से कम आईपीओ चरण में, हालांकि सूचीबद्धता के बाद आई तेजी ने संभवत: इन शेयरों को महंगा बना दिया है।’

2024 प्राथमिक बाजार के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष था और इसमें बड़ी तादाद में आईपीओ आए। ये आईपीओ मेनबोर्ड और एसएमई सेगमेंट, दोनों से जुड़े हुए थे। 91 कंपनियों ने मेनबोर्ड आईपीओ से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जो 2021 में जुटाई गई 1.19 लाख करोड़ रुपये की रकम से ज्यादा है।

वहीं 240 कंपनियों ने एसएमई प्लेटफॉर्म के जरिये 8,757 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि 2023 में ऐसे 182 निर्गमों से 4,686 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। वर्ष 2024 में आए मेनबोर्ड आईपीओ में ह्युंडै मोटर इंडिया का 27,870 करोड़ रुपये का आईपीओ सबसे बड़ा था।

First Published : January 2, 2025 | 10:33 PM IST