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देसी ETF में नई ऊंचाई पर निवेश, चुनावी वर्ष में यह तेजी बरकरार रहने का अनुमान

भारत-केंद्रित ईटीएफ में पिछले साल 8.6 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश आया, जो 2021 के मुकाबले अ​धिक है

Last Updated- January 15, 2024 | 9:40 PM IST
ETFs to buy

भारतीय शेयरों से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) में वर्ष 2023 में शुद्ध निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही इस अर्थव्यवस्था में खरीदारी बरकरार रखेंगे। हालांकि वे आम चुनाव पर भी गंभीरता से नजर रख रहे हैं। मॉर्निंगस्टार डायरेक्ट के आंकड़ों के अनुसार भारत-केंद्रित ईटीएफ ने पिछले साल 8.6 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश दर्ज किया जो 2021 के 7.4 अरब डॉलर से अ​धिक है।

विश्लेषकों का मानना है कि मई और उसके बाद होने वाले आम चुनावों से पहले यह रुझान बना रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने की मजबूत संभावना है।

एचएएनईटीएफ में ईटीएफ शोध के प्रमुख टॉम बैली ने कहा, ‘मजबूत निवेश से संकेत मिलता है कि निवेशक आगामी चुनाव को राजनीतिक जो​खिम के तौर पर नहीं देख रहे हैं।’ उन्होंने भारत की तुलना ताइवान से हटकर की जहां चुनाव ने यूरोपीय निवेशकों को 2023 में ताइवान से जुड़े ईटीएफ से 9.16 करोड़ डॉलर की बिकवाली के लिए प्रेरित किया था। अर्जेंटीना में भी राष्ट्रपति चुनाव से पहले बड़ी बिकवाली देखी गई थी, क्योंकि निवेशकों ने बढ़ती राजनीतिक अ​स्थिरता को गंभीरता से लिया था।

दूसरी तरफ, भारतीय शेयर अपने सर्वा​धिक ऊंचे स्तर पर हैं और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने प्रमुख राज्यों में जीत के बाद इक्विटी में रिकॉर्ड मासिक खरीदारी की। इन चुनावों से राजनीतिक निरंतरता की उम्मीद बढ़ गई। बैली ने कहा, ‘हमने भारत की आ​र्थिक प्रगति पर ध्यान दिया है। भारत के मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज करने की संभावना है जो कई प्रमुख वै​श्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ऊंची दर है।’

विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक चीन-अमेरिकी तनाव के साथ आ​र्थिक वृद्धि से जुड़ी चिंताओं के बीच भारत को अपने उभरते बाजार पोर्टफोलियो में विविधता के रुप में देख रहे हैं। अलायंसबर्न्सटीन में उभरते बाजारों के प्रमुख सैमी सुजूकी ने कहा, ‘चीन की वृद्धि दर धीमी पड़ने से भारत का आकर्षण बढ़ेगा।’
भारत का निफ्टी-50 सूचकांक वर्ष 2023 में 20 प्रतिशत उछला, जबकि एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट स्टॉक इंडेक्स में 7 प्रतिशत तेजी आई और चीन के ब्लू-चिप सीएसआई300 इंडेक्स में 11.4 प्रतिशत की कमजोरी।

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मॉर्निंगस्टार के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में पिछले साल ईटीएफ में निवेश उभरते बाजारों में हुई कुल खरीदारी का एक-तिहाई रहा। हालांकि सुजूकी ने भारत के महंगे मूल्यांकन को लेकर चेताया है और निवेशकों को ऐसी खास कंपनियों का सुझाव दिया है जो अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।

अमेरिका में सूचीबद्ध ईटीएफ में 2023 में निवेश वैश्विक तौर पर भारत-केंद्रित फंड प्रवाह का आधे से अधिक रहा, जिसमें 2 अरब डॉलर विजडमट्री इंडिया अर्निंग ईटीएफ 7.9 अरब डॉलर आईशेयर एमएससीआई इंडिया ईटीएफ द्वारा किया गया।

ईटीएफ प्रदाता ग्लोबल एक्स में उभरते बाजार की रणनीति के प्रमुख मैलकम डोरसन ने कहा कि भारत में इ​क्विटी में सीधे निवेश के लिए विदेशी निवेशकों के लिए ईटीएफ आसान तरीका है जबकि विदेशी निवेशक को स्थानीय खाता खोलने में 9 महीने लगते हैं। डोरसन ने कहा, ‘2024 चुनावी वर्ष है, जिसमें भारतीय इ​क्विटी के लिए अनुकूल परिदृश्य देखा जा सकता है।’

First Published - January 15, 2024 | 9:40 PM IST

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