कॉर्पोरेट जगत में हुए नुकसान को देखते हुए अब सामान्य बीमा कंपनियां एक बार फिर से खुदरा क्षेत्र की तरफ अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
नई दरें लागू होने के बाद फायर और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में इन कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पडा है। सामान्य बीमा कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट जगत में कीमतों का दबाव और इसमें होनेवाले नुकसान का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है।
इसके अलावा पिछले कुछ सालों में सामान्य बीमा कंपनियां कॉर्पोरेट क्लाइंटों को भारी छूट और अन्य तरीकों के जरिए रिझाते हुए नजर आईं।
इसके बाद अचानक वे अजीब दुविधा में फंस गई हैं। इसकी वजह यह है कि पुनर्बीमा कर्ता कंपनी समान जोखिम की राशि को कम प्रीमियम दरों पर बीमित करने पर चिंता जाहिर कर रही है।
जीआईसी के एकवरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब मार्च के अंत में पुनर्बीमा फिर से शुरू करने का वक्त आता है तो उस समय सामान्य बीमाकर्ता को अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता है।
इस दौरान यह देखा गया है कि खुदरा कारोबार, जिसमें स्वास्थ्य और मोटर कारोबार शामिल है, तेजी से बढ़ रहा है। बीमाकर्ता कं पनियों को मोटर थर्ड-पार्टी जोखिम के लिए एक अलग से पूल विकसित करने के साथ ही यह कारोबार करने में कोई खास दिक्कत नहीं आ रही है।
इसके अलावा मार्च में एड-ऑन कवर शुरू कर देने के बाद से बीमाकर्ताओं को इसका लाभ मिलने की संभावना है। ठीक इसी तरह अब स्वास्थ्य बीमा के दावों को भी बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा रहा है जिससे कंपनियों को नुकसान से भरपाई करने में काफी मदद मिलती है।
बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस के अंडरराइटिंग प्रमुख टी ए रामलिंगम का कहना है कि सामान्य जीवन बीमा कंपनियों के रुख में यह परिवर्तन हाल में खुदरा कारोबार खासकर, स्वास्थ्य बीमा कारोबार में बेहतर बढ़ोतरी को देखते हुए आया है जहां उचाल की नई कहानी लिखी जा रही है।
इसे देखते हुए आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जैसी कंपनियों को खुदरा क्षेत्र से 60 फीसदी प्रीमियम की प्राप्ति की उम्मीद है। रामलिंगम ने कहा कि निरंतर विकास और लोगों के बीच बीमे के बारे में बढ़ती जागरुकता से खुदरा कारोबार तेजी से बढ़ेगा।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के कॉर्पोरेट केन्द्र के निदेशक और सीएफओ राकेश जैन का कहना है कि खुदरा क्षेत्र से मुनाफे को वितरण, उत्पादों और सेवा में नई तकनीक शामिल कर और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है।