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अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा (Dollar) के मुकाबले रुपया (Rupee) चार पैसे की गिरावट के साथ 81.34 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कच्चा तेल कीमतों में तेजी तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी से रुपये पर प्रतिकूल असर पड़ा। कारोबारी सूत्रों ने कहा कि मुद्रास्फीति समेत वृहद आर्थिक आंकड़ों के बेहतर होने तथा डॉलर में कमजोर रुख से रुपये में गिरावट को थामने में मदद मिली।भा
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर 81.32 पर खुला और दिन के कारोबार में यह 81.45 के निचले स्तर तक चला गया। रुपया अंत में अपने पिछले बंद भाव से चार पैसे की गिरावट के साथ 81.34 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 81.30 पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 फीसदी घटकर 102.18 रह गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.42 फीसदी बढ़कर 84.38 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 303.15 अंक की तेजी के साथ 60,261.18 अंक पर बंद हुआ।
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एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार के अनुसार, उम्मीद से बेहतर आर्थिक आंकड़ों और डॉलर में व्यापक आधार पर कमजोरी के कारण भारतीय रुपये ने 11 नवंबर के बाद सबसे बड़ा साप्ताहिक लाभ दर्ज किया। परमार ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जोखिम वाली परिसंपत्तियों में तेजी आई और अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े उम्मीद से कम रहने के बाद अमेरिकी डॉलर में गिरावट
आई।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने गुरुवार को शुद्ध रूप से 1,662.63 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।