सॉवरिन वेल्थ फंडों (एसडब्ल्यूएफ) और पेंशन फंडों द्वारा होटल, कोल्ड चेन, शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, गैस पाइपलाइन जैसे 34 प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निवेश पर कुछ निश्चित आमदनी पर कर छूट का प्रावधान किया गया है।
वित्त अधिनियम 2020 में भारत में बुनियादी ढांचे पर निवेश से होने वाले पूंजीगत लाभ, ब्याज से आमदनी और लाभांशों पर अबूधाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी की पूर्ण मालिकाना वाली सहायक इकाई, एसडब्यूएफ और पेंशन फंडों को आयकर की छूट दी गई है। आयकर विभाग ने अब बुनियादी ढांचा की परिभाषा से इसे जोड़ा है, जो आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा अगस्त 2018 में इस सिलसिले में संगत मास्टर लिस्ट में दिया गया है।
इस सूची में एसईजेड, टेक्सटाइल पार्कों और कृषि बाजारोंं, टेलीकॉम टावरों, बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण के अलावा बंदरगाह व हवाईअड्डों जैसे उपक्षेत्र शामिल हैं। इसमें पोर्ट, स्टेडियम, पर्यटन, फूड पार्क, मल्टी मोडल लॉजिस्टिक पार्कों व टेक्सटाइल पार्क सहित थीम आधारित पार्कों को शामिल किया गया है।
मंगलवार को प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, ‘यह अधिसूचना 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी होगी और यह एवाई 2021-22 और उसके बाद के आकलन वर्ष पर लागू होगी।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि यह निवेश 31 मार्च 2024 के पहले करना होगा और इसकी न्यूनतम लॉक इन अवधि 3 साल होगी।
इसके साथ ही सरकार ने दरअसर निवेशकों को इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है, चाहे वह सीधे निवेश करते हैं या वैकल्पिक निवेस फंड या बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्टों के माध्यम से करते हैं।
एकेएम ग्लोबल के पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि यह अच्छा कदम है, क्योंकि भारत को बुनियादी ढांचा क्षेत्र में मोटे निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘इससे सॉवरिन फंडों को ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, अस्पतालों व कोल्ड चेन आदि में निवेश का विविधीकृत अवसर मिलेगा।’
नांगिया एंडरसन एलएलपी में पार्टनर अरविंद श्रीवत्सन ने कहा कि भारत के बुनियादी ढांचा में निवेश करना अब आकर्षक हो जाएगा और उच्च गुणवत्ता की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में दीर्घावधि स्थायी पूंजीग आ सकेगी। उन्होंने कहा, ‘कर प्रोत्साहन के पात्र निवेशोंं की लंबी सूची से सामाजिक बुनियादी ढांचा जैसे शैक्षणिक संस्थानों आदि में पूंजी सृजन का अवसर मिलेगा।’
श्रीवत्सन ने कहा कि इस अधिसूचना के साथ एटीएफ गतिविधियों में उल्लेखनीय उभार हो सकती है और समर्पित बुनियादी ढांचा एटीएफ का सृजन हो सकता है।