निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंंक को उम्मीद है कि मूल कंपनी एचडीएफसी के साथ प्रस्तावित विलय वैश्विक सूचकांकों मसलन एमएससीआई व एफटीएसई में बैंक को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। बाजार कीमत के लिहाज से देश का सबसे बड़ा बैंक और दुनिया का सातवां सबसे बड़ा बैंक अभी किसी अहम वैश्विक सूचकांकों का हिस्सा नहीं है क्योंकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए इसमें निवेश की सीमित गुंजाइश है।
निवेशकों के साथ बातचीत में बैंक ने एमएससीआई व एफटीएसई सूचकांकों में शामिल होने की अपनी संभावना का जिक्र किया। बैंंक ने कहा, सूचकांक प्रदाता संभावित तौर पर फ्री फ्लोट पर्सेंटेज व फ्री फ्लोट वैल्यू पर विचार कर सकते हैं। इसका अनिवार्य तौर पर मतलब यह है कि विलय के बाद वाली इकाई में एफपीआई के लिए एफपीआई निवेश की गुंजाइश प्रतिशत के लिहाज से एमएससीआई व एफटीएसई की सीमा कम होगी तब भी कुल आधार के तहत यह शेयर सूचकांकों में शामिल होने के लिहाज से बड़ा होगा।
वैश्विक सूचकांक प्रदाताओं ने सऊदी अरामको को अपने सूचकांकों में शामिल किया है जबकि तेल दिग्गज का फ्री फ्लोट महज 0.5 फीसदी है। इसकी वजह यह है कि इस शेयर का बड़ा बाजार पूंजीकरण है।
एचडीएफसी बैंंक के प्रेजेंटेशन में कहा गया है कि सूचकांक पप्रदाता एमएससीआई व एफटीएसई अभी इसकी समीक्षा कर रहे हैं कि क्या संयुक्त इकाई को सूचकांकों में शामिल किया जा सकता है। विलय हालांकि 18 महीने मेंं पूरा होगा, लेकिन सूचकांक प्रदाता इस संबंध में संदेश जारी कर सकते हैं ताकि निवेशकों को पता चले कि क्या होने की संभावना है।
