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क्या IPO में थम गया तेजी का दौर? 23 आईपीओ लिस्टिंग के बाद निचले स्तर पर

इन 23 IPO में से 13 IPO वर्तमान में अपने इश्यू प्राइस से भी नीचे ट्रेड कर रहे हैं।

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दीपक कोरगांवकर   
Last Updated- March 13, 2024 | 4:21 PM IST

मिड, स्मॉल और माइक्रो-कैप शेयरों में तेज बिकवाली के बीच, हाल ही में लिस्ट हुए तीन में से एक मेनबोर्ड IPO बुधवार को बाजार में अपनी शुरुआत के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।

BSE डेटा के मुताबिक, हैप्पी फोर्जिंग्स, वैलेंट लैबोरेटरीज, सेलो वर्ल्ड, गांधार ऑयल रिफाइनरी (इंडिया), मुक्का प्रोटीन्स और एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज सहित 23 IPO लिस्टिंग के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे।

इन 23 IPO में से, क्रेडो ब्रांड्स मार्केटिंग, एएसके ऑटोमोटिव, फ्लेयर राइटिंग इंडस्ट्रीज, ऋषभ इंस्ट्रूमेंट्स और टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस उन 13 IPO में से थे जो वर्तमान में अपने इश्यू प्राइस से भी नीचे ट्रेड कर रहे हैं।

खबर लिखे जाते समय (2: 53 बजे) S&P BSE IPO इंडेक्स 4.95 फीसदी की गिरावट के साथ 12,119.55 पर ट्रेड कर रहा था। इसकी तुलना में S&P BSE सेंसेक्स 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 72,633.25 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। S&P BSE मिडकैप और S&P BSE स्मॉलकैप इंडेक्स भी क्रमश: 4.69 फीसदी और 5.23 फीसदी फिसल गए।

पिछले तीन दिनों में, BSE IPO इंडेक्स में 8 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि यह 2 फरवरी, 2024 को छूए गए अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर 14,377 से 14 फीसदी गिर गया है।

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इस बीच, S&P BSE SME IPO इंडेक्स आज इंट्राडे कारोबार में लगभग 4 फीसदी फिसल गया। पिछले तीन दिनों में, इंडेक्स में 11 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि 26 फरवरी को छूए गए अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से इसमें 17 फीसदी की गिरावट आई है।

IPO में तेजी के बीच बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) पब्लिक होने वाली कंपनियों द्वारा दाखिल किए गए IPO दस्तावेजों की जांच बढ़ा रहा है।

सेबी ने छोटे और मध्यम आकार के उद्यम (SME) क्षेत्र में व्यापार और निर्गम दोनों स्तरों पर हेरफेर के संकेत देखे हैं। सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने सोमवार को कहा कि बाजार नियामक निवेशकों की सुरक्षा के लिए और अधिक खुलासे करने पर काम कर रहा है।
बिजनेस स्टैंडर्ड ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सेबी SME रूट के ‘दुरुपयोग’ को ध्यान में रखते हुए बढ़ी हुई सदस्यता के कई मामलों की जांच कर रहा है।

माधबी पुरी बुच ने कहा, “मुख्य उद्देश्य मूल्य हेरफेर के जोखिम को कम करना है… पहला कदम जोखिम कारकों से संबंधित अतिरिक्त खुलासे है। निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि SME सेगमेंट मेनबोर्ड से अलग है; यहां पर नियम और जोखिम भी अलग हैं।”

First Published : March 13, 2024 | 4:21 PM IST