Govt scraps windfall tax: अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट के बाद, भारत सरकार ने सोमवार को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (Crude Oil) और जेट ईंधन (ATF), डीजल (Diesel) और पेट्रोल (Petrol) के निर्यात पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया। सरकार के इस फैसले से रिलायंस (RIL) तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (Oil India) जैसी तेल कंपनियों को बड़ी राहत मिली है। तेल कंपनियों के अच्छे दिन आने के आसान नजर आ रहे हैं।
भारत सरकार ने आखिरकार ढाई साल के बाद विंडफॉल टैक्स को हटा लिया है। विंडफॉल टैक्स घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर एक विशेष लेवी है, जिसे जुलाई 2022 में वैश्विक कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बाद पेश किया गया था, ताकि तेल रिफाइनरी कंपनियों के ‘अत्यधिक मुनाफे’ को नियंत्रित कर रेवेन्यू हासिल किया जा सके। इसके साथ ही, पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर लगाया गया सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर (RIC) भी वापस ले लिया गया है।
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BSE पर, आज RIL और ONGC के शेयर हरे निशान में रहे। हालांकि ऑयल इंडिया के शेयर लाल निशान पर बंद हुए। रिलायंस के शेयरों में 1.28 प्रतिशत की तेजी के साथ 1309.75 और ONGC के शेयर 0.33 प्रतिशत की तेजी के साथ 257.60 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुए। वहीं, दूसरी तरफ ऑयल इंडिया के शेयर 2.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 479.40 रुपये के भाव पर बंद हुए।
निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.31 प्रतिशत बढ़त के साथ बंद हुआ। इस इंडेक्स के 8 शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि 7 में गिरावट आई।
सरकार ने विंडफॉल टैक्स लगाने के पहले वर्ष में शुल्क से लगभग 25,000 करोड़ रुपये, 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष में 6,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। विंडफॉल टैक्स की हर पखवाड़े (15 दिनों में) समीक्षा कर सरकार दरों में बदलाव करती थी। लेकिन अब घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल और ईंधन निर्यात दोनों पर ही शुल्क समाप्त कर दिया गया है।
(PTI के इनपुट के साथ)