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FPI ने अक्टूबर में अबतक शेयरों से 20,300 करोड़ रुपये निकाले, बॉन्ड में 6,080 करोड़ रुपये डाले

श्रीवास्तव ने कहा कि इस वजह से एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना ध्यान हटाकर अधिक सुरक्षित विकल्प अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश कर रहे हैं।

Last Updated- October 29, 2023 | 12:03 PM IST
The market succumbed to the selling by foreign investors, FPI has withdrawn Rs 21,272 crore so far in February विदेशी निवेशकों की बिकवाली के आगे बाजार ने टेके घुटने, FPI ने फरवरी में अब तक 21,272 करोड़ रुपये निकाले
प्रतीकात्मक तस्वीर

अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने तथा इजराइल-हमास संघर्ष की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 20,300 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। हालांकि, इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 6,080 करोड़ रुपये से डाले भी हैं।

क्रेविंग अल्फा के स्मॉलकेस प्रबंधक और प्रमुख भागीदार मयंक मेहरा ने कहा, ‘‘आगे चलकर एफपीआई के निवेश का प्रवाह फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों तथा वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा।’’

उन्होंने कहा कि लघु अवधि में वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते एफपीआई सतर्क रुख अपनाएंगे। हालांकि, भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि शेयरों और बॉन्ड में विदेशी निवेशकों का आकर्षण बनाए रखेगी।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने 27 अक्टूबर तक एफपीआई ने 20,356 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। अभी अक्टूबर के दो कारोबारी सत्र बचे हैं। इससे पहले सितंबर में भी एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे और उन्होंने 14,767 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। एफपीआई मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार लिवाल रहे थे।

यह भी पढ़ें : Market Outlook: फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय, कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी बाजार की दिशा

इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक एवं प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में भारी बढ़ोतरी इस सप्ताह एफपीआई की निकासी की प्रमुख वजह रही है।’’

उन्होंने कहा कि सोमवार को 16 साल में पहली बार 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल पांच प्रतिशत के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया है। श्रीवास्तव ने कहा कि इस वजह से एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना ध्यान हटाकर अधिक सुरक्षित विकल्प अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश कर रहे हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष की वजह से भी बाजार में नकारात्मक धारणा बनी है।

इसके साथ ही इस साल अबतक शेयरों में एफपीआई का कुल निवेश एक लाख करोड़ रुपये रहा है। बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 35,200 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। विश्लेषकों ने कहा कि एफपीआई मुख्य रूप से वित्तीय और सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में बिकवाली कर रहे हैं।

First Published - October 29, 2023 | 12:03 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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