विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दो दिन की आवेदन निकासी अवधि में रुचि सोया के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) से 97 फीसदी से ज्यादा बोली रद्द कर दी है। स्टॉक एक्सचेंजों के आंकड़े से यह जानकारी मिली। एफपीआई ने करीब 75 लाख शेयरों के लिए बोली लगाई थी, जिसमें से उन्होंने 72 लाख शेयर के लिए बोली रद्द कर दी। अन्य श्रेणियों में आवेदन वापसी हालांकि अपेक्षाकृत सुस्त रही। खुदरा निवेशकों ने 5,69,835 बोली (कुल बोली का 2.6 फीसदी) वापस ली, एचएनआई ने 13 लाख (1.1 फीसदी) और कर्मचारियों ने 3,759 (4.84 फीसदी) बोली वापस ली। म्युचुअल फंडों ने कोई भी बोली वापस हीं ली। कुल मिलाकर एफपीओ में आवेदन 3.6 गुना से घटकर 3.4 गुना रह गया। एफपीओ में किए गए कुल 14,583 आवेदन रद्द किए गए।
रुचि सोया का एफपीओ सोमवार को बंद हो गया था। हालांकि बाजार नियामक सेबी ने कंपनी को निर्देश दिया कि वह बुधवार तक निवेशकों को अपनी बोली वापस लेने का विकल्प उपलब्ध कराए क्योंंकि इस इश्यू को विज्ञापित करते हुए अनपेक्षित एसएमएस भेजे गए थे। एफपीओ ने रुचि सोया ने 4,300 करोड़ रुपये जुटाए, जिसका इस्तेमाल कर्ज घटाने में होगा। बाबा रामदेव की अगुआई वाली पतंजलि आयुर्वेद के पास रुचि सोया की 98.9 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि 1.1 फीसदी आम लोगों के पास। एफपीओ के बाद पतंजलि की शेयरधारिता घटकर 81 फीसदी रह जाने की उम्मीद है जबकि आम शेयरधारकों की हिस्सेदारी बढ़कर 19 फीसदी हो जाएगी। एफपीओ का कीमत दायरा 615 से 650 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था। रुचि सोया का शेयर 2.2 फीसदी टूटकर 956 रुपये पर बंद हुआ।