मॉनसून सीजन की समाप्ति के साथ सीमेंट कंपनियां फिर से सुर्खियों में आ गई हैं। जहां विभिन्न क्षेत्रों में कीमत वृद्घि पहले ही शुरू हो गई है, वहीं विश्लेषकों को मांग में सुधार की भी उम्मीद दिख रही है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और आवासीय गतिविधियों में तेजी, मजबूत ग्रामीण मांग और आरबीआई द्वारा ताजा मौद्रिक उपायों से रियल एस्टेट क्षेत्र को मदद मिलने की संभावना है जो सीमेंट कंपनियों के लिए अच्छा संकेत है।
विश्लेषकों का कहना है कि मांग उम्मीद के अनुरूप है। एमके ग्लोबल के विश्लेषकों का कहना है, ‘मांग रिकवरी सकारात्मक है और हमें उम्मीद है कि सरकार-केंद्रित बुनियादी ढांचा परियोजनाएं मांग बढ़ाने में मददगार साबित होंगी।’ उम्मीद से बेहतर मांग सुधार को देखते हुए रिलायंस सिक्योरिटीज के बिनोद मोदी का कहना है कि वह गिरावट की आशंका के मुकाबले वित्त वर्ष 2021 में 1-2 प्रतिशत की मांग वृद्घि को लेकर आश्चर्यचकित नहीं होंगे। ब्रोकरों की रिपोर्टों के अनुसार उत्तर और पूर्वी भारत में मजबूत वृद्घि की वजह से उद्योग की बिक्री सितंबर 2020 की तिमाही में सालाना आधार पर 3 प्रतिशत (तिमाही आधार पर 33 प्रतिशत) बढऩे का अनुमान है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) के आंकड़े से संकेत मिलता है कि कीमतें तिमाही आधार पर घटी (दूसरी तिमाही में सभी क्षेत्रों में करीब 3-5 प्रतिशत तक) हैं, लेकिन पूरे भारत के आधार पर सालाना तौर पर 3 प्रतिशत चढ़कर 358 रुपये प्रति 50 किलोग्राम पर बनी हुई हैं। ब्राकेरों के प्रमुख पसंदीदा शेयरों में अल्ट्राटेक और जेके सीमेंट बने हुए हैं। किसी तरह की मांग में सुधार से लाभान्वित होने की अपनी क्षमता की वजह से अल्ट्राटेक ज्यादातर विश्लेषकों का पसंदीदा शेयर है। इसके ताजा एवं बड़े अधिग्रहण नाथद्वारा (बिनानी सीमेंट परिसंपत्तियों) ने 62.5 लाख टन सालाना का समेकन दर्ज किया है और जून तिमाही के लिए इसका औसत एबिटा 1,250 रुपये प्रति टन से है।
भारत की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता ने लॉकडाउन के प्रभाव के बावजूद 1,088 रुपये प्रति टन का मजबूत एबिटा दर्ज किया है। हालांकि पेट कोक और डीजल जैसे कच्चे माल की कीमतें चढ़ी हैं, सीमेंट कीमतों में वृद्घि के साथ साथ परिचालन दक्षताओं से भी मुनाफे में मदद मिलने की संभावना है। क्षमता वृद्घि से संकेत मिलता है कि बाजार भागीदारी में तेजी बनी रहेगी जिससे बिक्री वृद्घि में सुधार आएगा। एचएसबीसी के अनुमानों में सुझाव दिया गया है कि वित्त वर्ष 2021 का प्रति टन लाभ 1,168 रुपये के आसपास बना रहेगा, जो वित्त वर्ष 2020 के 1,151 रुपये से थोड़ा ज्यादा है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि आय वृद्घि की रफ्तार बरकरार रहने की संभावना है। एमओएसएल का कहना है कि यह शेयर अपनी वित्त वर्ष 2022 की अनुमानित ईवी के 11.0 गुना पर और श्री सीमेंट के मुकाबले 35 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है।
बेहद सक्षम सीमेंट कंपनियों में से एक श्री सीमेंट को भी, खासकर उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में मांग में मजबूत सुधार से लाभ मिलने की संभावना है। कंपनी मुख्य तौर पर इन क्षेत्रों की जरूरतें पूरी करती है। श्री सीमेंट का शेयर सीमेंट की बिक्री और क्षेत्र के लिए मांग से संबंधित चिंताओं की वजह से गिरावट का शिकार हुआ था। इसमें सुधार का मतलब होगा कि यह शेयर जुलाई के ऊंचे स्तरों से 20 प्रतिशत गिरकर सितंबर में निचले स्तर पर आ गया। इस शेयर ने अच्छी वापसी की है और तब से यह 15 प्रतिशत मजबूत हुआ है। गिरावट के बाद, एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कंपनी की रेटिंग अपग्रेड की थी। रिलायंस सिक्योरिटीज के मोदी के अनुसार, श्री सीमेंट आय वृिद्घ के लिहाज से बेहतर स्थिति में है और यह उनके पसंदीदा शेयरों में शामिल है। क्षमता वृद्घि (वित्त वर्ष 2020 में 35 लाख टन क्षमता पूरी की) आधारित बिक्री वृद्घि को देखते हुए विश्लेषक जेके सीमेंट पर उत्साहित हैं। कंपनी के लिए प्रतिस्पर्धियों की तुलना में ज्यादा वृद्घि की का अनुमान जताने वाले एमओएसएल के विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी लागत में भी कमी ला रही है और उसे नई क्षमताओं तथा अपने पुराने संयंत्रों के उन्नयन से मदद मिली है, जिससे मार्जिन पर भी सकारात्मक असर दिखना चाहिए।
दूसरी तिमाही में ग्रे सीमेंट के लिए सालाना आधार पर 23-25 प्रतिशत की मजबूत वृद्घि दर्ज किए जाने की संभावना है। वॉल पुट्टी सेगमेंट में मौजूदा क्षमताओं के 33 प्रतिशत विस्तार से वित्त वर्ष 2021 की तीरी तिमाही से लाभ मिलना शुरू हो सकता है। इस शेयर ने 16,49 से चढ़कर शुक्रवार को 52 सप्ताह का ऊंचा स्तर छुआ था और ब्रोकरेज फर्म द्वारा 1,800 रुपये तक के कीमत लक्ष्य को देखते हुए इसमें और तेजी की अच्छी संभावना दिख रही है।
अंबुजा सीमेंट्स का कारोबार उत्तर और गुजरात के क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है और यह कंपनी भी लाभान्वित हो सकती है और इसलिए उसकी पूरे भारत में उपस्थिति वाली सहायक इकाई एसीसी भी मांग में सुधार की वजह से अच्छी स्थिति में बनी हुई है। मांग, मूल्य निर्धारण और बढ़ रही क्लिंकर क्षमता अंबंजा के परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। पिछले समय में इन दोनों कंपनियों को क्षमता वृद्घि के संदर्भ में दबाव का सामना करना पड़ा है, लेकिन बाद में विस्तार पर खर्च बढऩे और इन क्षमताओं के चालू होने से बिक्री और बाजार भागीदारी में मदद मिल रही है। विश्लेषकों के अन्य पसंदीदा शेयरों में डालमिया भारत और जेके लक्ष्मी सीमेंट भी शामिल हैं।