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भारत से भारी निकासी: अमेरिका ने निकाले ₹8,969 करोड़, जापान ने ₹2,332 करोड़ – सबसे बड़ा झटका किसने दिया?

विदेशी निवेशकों ने भारत से निकाले ₹16 हजार करोड़, जापान समेत बड़े देशों ने बदला रुख

Last Updated- September 16, 2025 | 9:37 AM IST
Maharashtra is the first choice of foreign investors, received FDI worth Rs 1.13 lakh crore in just six months विदेशी निवेशकों की पहली पसंद महाराष्ट्र, सिर्फ छह महीने में मिला 1.13 लाख करोड़ रुपये का FDI

भारत से विदेशी निवेशकों का पैसा एक बार फिर बाहर निकल रहा है। ब्रोकरेज की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सात हफ्तों में भारत फोकस्ड फंड्स से करीब 1.9 अरब डॉलर यानी लगभग 16 हजार करोड़ रुपये बाहर गए हैं। यह स्थिति एक साल में दूसरी बार देखने को मिल रही है, जब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से तेजी से पैसा निकाला है। इससे पहले अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 के बीच भी 4.4 अरब डॉलर का बड़ा आउटफ्लो हुआ था। लगातार दो बार हुई इस निकासी से यह साफ दिखता है कि भारत को लेकर वैश्विक निवेशक असमंजस में हैं, जबकि दूसरी तरफ कई अन्य उभरते बाजारों में पैसा लगातार और बड़ी मात्रा में आ रहा है।

जापान ने भी बदला रुख

ब्रोकरेज फर्म Elara Securities की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे चौंकाने वाली बात जापान को लेकर सामने आई है। जापान, जिसे भारत का भरोसेमंद निवेशक माना जाता रहा है, अब बिकवाली कर रहा है। जनवरी 2023 से सितंबर 2024 तक जापानी फंड्स ने भारत में 9 अरब डॉलर का निवेश किया था, लेकिन अक्टूबर 2024 से अब तक वे 1.1 अरब डॉलर निकाल चुके हैं। सिर्फ पिछले हफ्ते ही भारत से 86 मिलियन डॉलर बाहर गए, जिनमें जापानी निवेशकों की बड़ी हिस्सेदारी रही।

निकासी का सबसे ज्यादा असर बड़े शेयरों यानी लार्ज-कैप स्टॉक्स पर पड़ा है। जुलाई 2025 से अब तक लार्ज-कैप फंड्स से 1.7 अरब डॉलर निकल चुके हैं। इसके अलावा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स से भी करीब 1.08 अरब डॉलर और उन फंड्स (Long-only funds) से 776 मिलियन डॉलर निकाले गए हैं जिन्हें आम तौर पर भरोसेमंद निवेशक चलाते हैं।

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किस देश के निवेशकों ने निकाला सबसे ज्यादा पैसा

सबसे ज्यादा पैसा अमेरिकी निवेशकों (-$1.02 billion) ने निकाला है, उसके बाद लक्जमबर्ग (-$496 million), जापान (-$265 million) और ब्रिटेन (-$101 million) के निवेशकों ने भी भारत से पैसा बाहर किया है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि विदेशी निवेशक भारत के ऊंचे वैल्यूएशन, आयात-निर्यात से जुड़ी दिक्कतों और वैश्विक व्यापार तनाव को देखते हुए पैसा निकाल रहे हैं। इस समय निवेशक अपना ध्यान सुरक्षित साधनों की ओर ज्यादा लगा रहे हैं। कमोडिटी फंड्स और गोल्ड फंड्स में बड़े स्तर पर पैसा आ रहा है। सिर्फ इस हफ्ते कमोडिटी फंड्स ने 1.19 अरब डॉलर जुटाए हैं, जो 2020 के बाद सबसे अच्छा प्रदर्शन है। वहीं सोने में निवेशकों का भरोसा लगातार बना हुआ है। पिछले हफ्ते रिकॉर्ड 16 अरब डॉलर आने के बाद इस हफ्ते भी 8.4 अरब डॉलर का निवेश हुआ है।

घरेलू निवेशकों का सहारा

हालांकि विदेशी बिकवाली के दबाव से बाजार में कमजोरी की आशंका है, लेकिन घरेलू निवेशकों ने बड़ी राहत दी है। देश के निवेशक लगातार म्युचुअल फंड्स और SIP के जरिये पैसा लगा रहे हैं। इसके अलावा घरेलू संस्थागत निवेशक यानी DII भी लगातार खरीदारी कर रहे हैं। इस वजह से विदेशी निकासी का असर उतना बड़ा नहीं हो पा रहा है, जितना आम तौर पर होना चाहिए था।

रिपोर्ट के मुताबिक जब तक दुनिया में व्यापारिक तनाव और टैरिफ से जुड़ा दबाव बना रहेगा, तब तक भारत से विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रह सकती है। इसके उलट, कमोडिटी और सोने जैसे क्षेत्रों में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ती रहेगी। यह साफ है कि दुनिया के निवेशक इस समय भारत से दूरी बना रहे हैं और अपना पैसा सुरक्षित जगहों पर लगा रहे हैं।

First Published - September 16, 2025 | 9:18 AM IST

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