facebookmetapixel
सोने में नौ सप्ताह की लगातार बढ़त टूटी, व्यापार तनाव में कमी के संकेतों के बीच कीमतों में गिरावटम्यूचुअल फंडों ने सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड्स में निवेश पर लगी पाबंदी हटाई, निवेशक अब कर सकते हैं निवेशSEBI ने म्यूचुअल फंडों को प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में निवेश से रोका, निवेशकों के लिए अनिश्चितता बढ़ीCredit Card Fraud: क्रेडिट कार्ड फ्रॉड में पैसा गंवा दिया? जानें कहां करें शिकायत और कैसे मिलेगा रिफंडटाटा म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ETF फंड-ऑफ-फंड में नए निवेश की सुविधा फिर से शुरू कीअगर यात्रा के दौरान चलती ट्रेन से आपका फोन हाथ से गिर जाए तो आपको क्या करना चाहिए?Dr Reddy’s Q2 Results: मुनाफा 14.5% बढ़कर ₹1,437.2 करोड़ पर पहुंचा, आय बढ़कर ₹8,805 करोड़ परकहीं आप फर्जी दवा तो नहीं ले रहे? CDSCO की जांच में मिला नकली कफ सिरप और 112 कम क्वालिटी वाली दवाएंभारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेल

बॉन्ड प्रतिफल में 5 महीने की सबसे तेज गिरावट

Last Updated- March 13, 2023 | 9:39 PM IST
FPIs started withdrawing from domestic debt market, challenging start for Indian bond market देसी ऋण बाजार से हाथ खींचने लगे FPI, भारतीय बॉन्ड बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण शुरुआत
BS

भारत सरकार के बॉन्डों में सोमवार को काफी मजबूती दर्ज हुई (खास तौर से कम अवधि में परिपक्व होने वाले), क्योंकि कैलिफॉर्निया के सिलिकन वैली बैंक ने निवेशकों को अमेरिकी डेट से बाहर निकलने को प्रोत्साहित किया, जिससे अमेरिकी बॉन्ड के प्रतिफल में गिरावट आई।

अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट ने भारत जैसे उभरते बाजारों की उच्च प्रतिफल वाली फिक्स्ड इनकम परिसंपत्तियों को लेकर अपील में इजाफा कर दिया। बॉन्ड की कीमतें व प्रतिफल एक दूसरे के विपरीत दिशा में चलते हैं।

सबसे ज्यादा तरल 10 वर्षीय भारतीय सरकारी बॉन्ड 7.36 फीसदी के प्रतिफल पर टिका, जो शुक्रवार को 7.43 फीसदी पर बंद हुआ था। सोमवार को 4 अक्टूबर,2022 के बाद बॉन्ड प्रतिफल में सबसे तेज एकदिवसीय गिरावट दर्ज हुई। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। अल्पावधि वाले अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेज गिरावट से देसी पांच वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल, 10 वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल के मुकाबले ज्यादा गिरा।

द्वि‍तीयक बाजार में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग वाले पांच साल के सरकारी बॉन्ड अंत में 7.26 फीसदी पर टिके, जो एक दिन पहले के मुकाबले 14 आधार अंक कम है। अल्पावधि के बॉन्ड प्रतिफल में तेज गिरावट से भारतीय सॉवरिन प्रतिफल का कर्व और गहरा गया, जो पहले काफी ज्यादा स्थिर था।

अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट SVB की परिसंपत्तियां जब्त होने और अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र पर उसके असर होने के कारण आई। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि फेडरल रिजर्व या तो दरों में बढ़ोतरी अभी नहीं करेगा या फिर काफी कम बढ़ोतरी करेगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों ने रविवार को कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व 22 मार्च की अपनी बैठक में दरें बढ़ाएगा क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र में काफी उतार चढ़ाव देखा गया है। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल शुक्रवार को 23 आधार अंक टूटा था, वहीं दो साल के बॉन्ड में 31 आधार अंक की फिसलन आई थी।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के ट्रेडिंग प्रमुख नवीन सिंह ने कहा, SVB घटनाक्रम का सबसे अहम असर यह है कि अब फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में धीमी बढ़ोतरी या इसे स्थिर रखे जाने की संभावना है। ये चीजें अमेरिका व यहां बॉन्ड में तेजी ला रही है।

अभी फेड फंड फ्यूचर 85 फीसदी संभावना जता रहा है कि इस महीने फेड की तरफ से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों का इजाफा करेगा और दरें स्थिर रखे जाने की संभावना 15 फीसदी है। इस महीने फ्यूचर को 70 फीसदी उम्मीद थी कि मार्च में फेड की तरफ से ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की जा सकती है।

रुपये ने हालांकि शुरुआती कारोबार में हुई बढ़त गंवा दी और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर बंद हुआ। देसी मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.13 पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले 82.05 पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान रुपया 81.75 तक मजबूत हो गया था क्योंकि अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट के बाद वैश्विक स्तर पर डॉलर में कमजोरी आई थी।

First Published - March 13, 2023 | 8:56 PM IST

संबंधित पोस्ट