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निवेशकों को प्रत्यक्ष बाजार पहुंच से व्यवस्थागत जोखिम पैदा होगा

Last Updated- December 15, 2022 | 4:02 AM IST

घरेलू ब्रोकिंग कंपनियों का कहना है कि ग्राहकों को प्रत्यक्ष बाजार पहुंच (डीएमए) मुहैया कराने और उन्हें एक्सचेंजों पर प्रत्यक्ष तौर पर कारोबार करने की अनुमति देने से व्यवस्थागत जोखिम को बढ़ावा मिल सकता है। चूंकि इस सप्ताह दलाल पथ पर डीएमए को लेकर अटकलों के बाद से सूचीबद्घ ब्रोकरेज आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का शेयर भाव 15 प्रतिशत नीचे आ चुका है। जहां जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं आईआईएफएल सिक्योरिटीज और डिस्काउंट ब्रोकर 5पैसा कैपिटल में 7.4 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कमजोरी आई है।
सक्रिय ग्राहकों की संख्या के संदर्भ में देश के सबसे बड़े ब्रोकिंग हाउस जीरोधा के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने कहा, ‘यदि ग्राहक डिफॉल्ट होता है तो इसकी जिम्मेदारी ब्रोकरेज फर्म पर है, न कि एक्सचेंज पर। यदि एक बड़े संगठन के तौर पर एक्सचेंज इस तरह का जोखिम लेता है तो यह प्रणालीगत होगा और बाजार में भाग लेने वाले हरेक व्यक्ति को अस्थिरता (जैसा कि 2008 में देखने को मिला था) के जोखिम में डाल देगा।’
ब्रोकिंग कंपनियों का कहना है कि इस तरह की पहल व्यवहार्य नहीं होगी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी धीरज रेल्ली ने सवालिया अंदाज में कहा, ‘ब्रोकर की जिम्मेदारी निभाने के लिए एक्सचेंजों को कई कदम उठाने की जरूरत होगी। एक्सचेंज कॉन्ट्रैक्ट नोट्स कैसे जारी करेंगे, संयुक्त मार्जिन सीमा (सभी एक्सचेंजों) पर ग्राहकों को अपडेट कैसे करेंगे, ट्रांजेक्शन के बाद लाभ और नुकसान एवं पोर्टफोलियो स्टेटमेंट आदि को लेकर स्थिति कैसी रहेगी। इसके अलावा, क्या एक्सचेंज ग्राहकों के केवाईसी, खाता खोलने जैसी प्रक्रिया करेंगे और ग्राहक को अलग अलग एक्सचेंज पर कारोबार के लिए हर समय लॉग-इन और लॉग-आउट करने की जरूरत होगी।’
ब्रोकर अपने ग्राहकों को स्मार्ट ऑर्डर राउटिंग जैसे विशेष ऑर्डर करने के लिए विभिन्न विकल्प मुहैया कराते हैं, जिसका इस्तेमाल ग्राहक किसी भी एक्सचेंज पर अच्छी कीमत पर प्रतिभूति खरीदने या बेचने के लिए कर सकता है।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि कार्य में विस्तार से एक्सचेंजों पर लात दबाव बढ़ेगा और इससे उनकी वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी।
मौजूदा समय में, ब्रोकरेज कंपनियों को बाजार नियामक सेबी, डिपोजिटरी और एक्सचेंजों द्वारा निधारित निर्देशों पर अमल करना होता है।
सैमको सिक्योरिटीज के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी जिमीत मोदी का कहना है, ‘एक्सचेंजों के लिए लाखों की तादाद में निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से सेवा मुहैया कराना उपयुक्त नहीं है।’
मोदी का कहना है कि ब्रोकरों को हरेक ग्राहक सौदे के लिए क्लियरिंग कॉरपोरेशन के साथ अतिरिक्त 10 प्रतिशत मार्जिन रखने की जरूरत होगी।

First Published - August 1, 2020 | 1:36 AM IST

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