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उतार चढ़ाव के बाद भी चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत

बीएसई पर अगस्त में 2,126 शेयर चढ़े जबकि 1,955 में गिरावट आई, जो एडवांस-​डिक्लाइन रेश्यो (एडीआर) 1.1 बताता है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- August 31, 2023 | 11:57 PM IST

बेंचमार्क सूचकांकों में पिछले पांच महीने से हो रही बढ़ोतरी का सिलसिलाअब खत्म होने वाला है, लेकिन बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का मजबूत अनुपात बरकरार है। इस महीने अब तक चढ़ने वाले शेयरों की संख्या गिरने वालों के मुकाबले ज्यादा रही है, जो बताता है कि तेजडि़ये अब भी हावी हैं जबकि एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी की चाल अलग संकेत दे रही है। बीएसई पर अगस्त में 2,126 शेयर चढ़े जबकि 1,955 में गिरावट आई, जो एडवांस-​डिक्लाइन रेश्यो (एडीआर) 1.1 बताता है।

व्यापक बाजार के उम्दा प्रदर्शन के बीच देसी बाजार का एडीआर अप्रैल से 1 से ऊपर रहा है। 1 से कम एडीआर (कैलेंडर वर्ष के शुरुआती तीन महीने में ऐसा ही रहा था) से बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों के नकारात्मक अनुपात का संकेत मिलता है।

अल्फानीति फिनटेक के संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा, बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात सुधरा है। निवेशकों को लगता है कि अग्रणी शेयरों ने बेहतर किया है क्योंकि एक साल से वे अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। अब स्मॉल व मिडकैप शेयर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। छोटे निवेशक जब बाजार में प्रवेश करते हैं तो वे स्मॉल व मिडकैप शेयर पसंद करते हैं।

सेंसेक्स और​ निफ्टी मार्च में साल 2023 के निचले स्तर क्रमश: 65,087 व 16,828 पर आ गए थे और तब से इनमें करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 मार्च के अपने-अपने निचले स्तर से क्रमश: 40 फीसदी व 34 फीसदी चढ़ चुके हैं।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, पूरे बाजार में जब तेजी आती है तो उसका विस्तार स्मॉलकैप तक भी होता है। जब पूरे बाजार में तेजी आती है तो यह नए व कम सक्रिय निवेशकों में भरोसा पैदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप बाजार में भीड़भाड़ होती है। ये नए व निष्क्रिय निवेशक स्मॉल व मिडकैप शेयरों में निवेश शुरू करते हैं। हालांकि यह रफ्तार विस्तृत मूल्यांकन व नकदी के अभाव के कारण कमजोर हुई है। अभी का समय स्मॉल व मिडकैप में मूल्यांकन के आधार पर निवेश घटाने और गलत शेयर खरीद से बाहर निकलने का है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इस महीने एक नोट में निवेशकों को सतर्क किया है। नोट में कहा गया हैकि तेज चाल के बाद माइक्रोकैप, स्मॉलकैप व मिडकैप और लार्ज कैप के आय प्रतिफल का अंतर अनाकर्षक हो गया है, जिससे सुस्त रिटर्न दिख सकता है।

नोट के मुताबिक, मार्च के निचले स्तर से 14 फीसदी उछलने के बाद निफ्टी 20,000 से ठीक नीचे एकीकृत हो रहा है, जबकि आय में मजबूत विस्तार हुआ है जो सही व्यवहार का संकेत दे रहा है। हालांकि तेजी के बाजार का अनियंत्रित उत्साह माइक्रो, स्मॉल व मिडकैप सूचकांकों में स्पष्ट दिखा है। तकनीकी तौर पर 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी तेजी के बाजारका संकेत देता है। लार्जकैप के मुकाबले स्मॉल व मिडकैप के प्रतिफल का अंतर शून्य पर पहुंच गया है, वहीं माइक्रोकैप के मामले में यह 70 आधार अंक घट गया है, जो काफी कम जोखिम लेने की प्रवृत्ति का संकेत देता है।

स्मॉलकैप के लिए आय प्रतिफल अभी करीब 4 फीसदी है जबकि 10 साल का औसत 6 फीसदी रहा है। इसी तरह मिडकैप का आय प्रतिफल 4.8 फीसदी रहा है जबकि 10 साल का औसत 5.6 फीसदी है।

विशेषज्ञों की चेतावनी है कि इस साल बाजार में आई सतत तेजी से खुदरा निवेशक फंस सकते हैं। स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, जब पूरी गतिविधि स्मॉल व मिडकैप शेयरों की ओर शिफ्ट हो जाए तो ज्यादा से ज्यादा निवेशक बाजार में उतरते हैं। चूंकि ज्यादा निवेशक भागीदारी करते हैं, लिहाजा इन शेयरों का बेहतर प्रदर्शन शुरू हो जाता है। हालांकि जब गिरावट आती है तो यह काफी तेज हो सकती है। बाजार में गिरावट तो होगी, लेकिन सवाल यह है कि कब। बाजार के लिए बहुत ज्यादा सकारात्मक चीजें नहीं बची हैं क्योंकि हर चीज पहले ही स्पष्ट तौर पर सामने आ चुकी हैं।

First Published : August 31, 2023 | 11:57 PM IST