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Demat Accounts: बढ़ रहा निवेशकों का भरोसा, भारत में डीमैट खाते पहली बार 15 करोड़ के पार

Demat Accounts: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद पिछले महीने 31.2 लाख नए डीमैट खाते जुड़े

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- April 05, 2024 | 9:35 PM IST

डीमैट खातों की संख्या पहली बार मार्च में 15 करोड़ के आंकड़े के पार चली गई। शेयर व अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखने के लिए यह खाता आवश्यक है। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद मार्च में 31.2 लाख नए डीमैट खाते जुड़े और कुल डीमैट खातों की संख्या 15.14 करोड़ हो गई।

15 करोड़ डीमैट खातों का नया शिखर 10 करोड़ का आंकड़ा हासिल करने के 19 महीने बाद देखने को मिला है, जो संकेत देता है कि और भारतीय परिवार सीधे तौर पर इक्विटी में निवेश कर रहे हैं। अकेले वित्त वर्ष 24 में करीब 3.7 करोड़ नए डीमैट खाते जुड़े हैं, जो किसी एक वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा नए खाते का आंकड़ा है और पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इसमें 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

पिछले 12 महीने में देसी बाजारों ने जिस तरह का उत्साहजनक रिटर्न दिया है, उससे नए निवेशकों का स्थिर आगमन सुनिश्चित हुआ है। वित्त वर्ष 24 के दौरान बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स ने 29 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की, जो कोविड प्रभावित वित्त वर्ष 2021 के बाद का सबसे अच्छा आंकड़ा है।

उधर, निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में क्रमश: 70 फीसदी व 60 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और राजनीतिक निरंतरता की संभावना (जिसे आर्थिक वृद्धि और इक्विटी बाजारों की बेहतरी के लिए लाभकारी माना जा रहा है) कुछ ऐसे कारक हैं जो इक्विटी बाजारों को मजबूती दे रहे हैं।

सैमको सिक्योरिटीज के सीईओ जिमित मोदी ने कहा, मार्च 2023 में बाजार निचले स्तर पर चला गया था और तब से बाजार बिना किसी अर्थवान गिरावट या नरमी के चढ़ता रहा है। जब वहां बिकवाली होती है तो खुदरा निवेशक अपने शेयर की एवरेजिंग कर रहे होते हैं या उसे खरीदारी के मौके के तौर पर देखते हैं। जिन्हें इस तेजी में हिस्सा न लेने का अफसोस है वे इसका रुख करेंगे। इसके अलावा व्यापक आधारित फायदा, स्थिर आरंभिक सार्वजनिक निर्गम ने भी डीमैट खातों में तेजी को सहारा दिया है।

इसके अतिरिक्त वित्त वर्ष 24 में आईपीओ की रफ्तार भी अच्छी रही है, जिसे नए निवेशकों के प्रवेश का जरिया भी माना जाता है। 76 कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में आईपीओ के जरिये 61,921 करोड़ रुपये जुटाए। सूचीबद्धता पर फायदे के लालच में आईपीओ को लेकर निवेशकों का मनोबल ज्यादा अनुकूल हो गया है। ज्यादा निवेशक अपने परिवार के सदस्यों के लिए नए डीमैट खाते खुलवा रहे हैं ताकि आईपीओ आवंटन में उन्हें शेयर मिलने की संभावना बढ़ जाए।

टॉरस फाइनैंशियल मार्केट के सीईओ प्रकर्ष गगडानी ने कहा, पिछले वित्त वर्ष में निफ्टी, स्मॉल व मिडकैप ने शानदार रिटर्न दिया। महामारी के बाद की तेजी के दौरान बाजार में हिस्सा नहीं ले पाए निवेशकों ने पिछले 12 महीने में बाजारों में प्रवेश किया है। कई आईपीओ ने सूचीबद्धता पर शानदार रिटर्न दिया है, जहां आपके पास पहले से ही 10 करोड़ से ज्यादा डीमैट खाते व सक्रिय भागीदारी है।

इससे मुंहजवानी संदेशों का प्रसार करने में मदद मिलती है। काफी समय लोगों ने जब पहले डीमैट खाते नहीं खुलवाए होते हैं या म्युचुअल फंडों के जरिए निवेश करने वाले भी प्रत्यक्ष निवेश की ओर आकर्षित हो जाते हैं। ग्राहकों का छोटा समूह डेरिवेटिव में भी ट्रेड के लिए पहुंचा है। डिजिटलीकरण और इक्विटी निवेश को लेगर बढ़ती जागरूकता को भी डीमैट खातों में बढ़ोतरी की वजह बताई जाती है।

First Published : April 5, 2024 | 9:35 PM IST