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आकार घटने से निवेशकों की बढ़ेगी दिलचस्पी!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:31 PM IST

कोविड-19 महामारी और फिर रूस-यूक्रेन युद्घ की वजह से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ में दोहरे विलंब के बाद भारत की इस सबसे बड़ी बीमा कंपनी का बहुप्रतीक्षित निर्गम अब आखिरकार 4 मई से खुलने की संभावना है।
जहां विश्लेषकों की प्रतिक्रिया इसे लेकर मिश्रित है कि सरकार का यह सबसे बड़ा आईपीओ दलाल पथ पर कैसा प्रदर्शन करेगा, वहीं उनका मानना है कि इस निर्गम को सफलता मिलेगी, क्योंकि बाजारों ने मार्च के निचले स्तरों से अच्छा सुधार दर्ज किया है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष गौरांग शाह ने कहा, ‘हमारा मानना है कि अमीर निवेशक (एचएनआई) और छोटे निवेशक इस आईपीओ में मूल्यांकन आकार और निर्गम के कीमत दायरे के आधार पर दिलचस्पी दिखाएंगे।’
रेलिगेयर ब्रोकिंग में शोध उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा का कहना है कि खास ब्रांड पहचान के साथ साथ अपनी मजबूत हैसियत और शानदार उद्योग विकास परिदृश्य को देखते हुए कंपनी के आईपीओ को अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी।
कंपनी के आईपीओ की तारीखों को अंतिम रूप दिए जाने के लिए मंगलवार को एलआईसी की बोर्ड बैठक भी हुई जिसमें, पॉलिसीधारकों, कर्मचारियों और रिटेल शेयरधारकों को मुहैया कराए जाने वाले डिस्काउंट जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। 23 अप्रैल को, एलआईसी के बोर्ड ने आईपीओ का निर्गम आकार 5 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया। केंद्र को अब इस शेयर बिक्री से 21,000 करोड़ रुपये हासिल होंगे।
जहां इस आईपीओ के लिए एंकर बुक 2 मई को खुलेगी, वहीं मीडिया रिपोर्टों में सुझाव दिया गया है कि एलआईसी ने एंकर निवेशकों (वैश्विक एवं घरेलू, दोनों) से करीब 13,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्घताएं हासिल की हैं। हालांकि औपचारिक एंकर बुक आवंटन की प्रक्रिया शुरू होनी अभी बाकी है।
यह आईपीओ ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व 2 से 3 मई तक अपनी दो-दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक आयोजित करने की तैयारी में है। हालांकि विश्लेषकों को इससे निवेशक धारणा प्रभावित होने की आशंका नहीं दिख रही है।
शाह ने कहा, ‘भारतीय बाजार पिछले तीन महीनों से दर वृद्घि को लेकर अवगत हैं, इसलिए हमें बाजार पर फिर से इन खबरों का ज्यादा प्रभाव पडऩे का अनुमान नहीं है।’

नए निवेशकों पर नजर
सार्वजनिक निर्गम में 35 प्रतिशत हिस्सा छोटे निवेशकों के लिए, 10 प्रतिशत पॉलिसीधारकों और 5 प्रतिशत एलआईसी कर्मचारियों के लिए आरक्षित रखे जाने की संभावना है। चूंकि सरकार-संचालित बीमा कंपनी के आईपीओ संबंधित अभियानों में मौजूदा पॉलिसीधारकों को डीमैट खाते खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, इसलिए विश्लेषकों को नए निवेशकों के बाजार में प्रवेश करने की संभावना दिख रही है।
शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा में कैपिटल मार्केट स्ट्रेटेजी के प्रमुख गौरव दुआ ने कहा, ‘चूंकि आईपीओ नए निवेशकों को बाजार के प्रति आकर्षित करते हैं, इसलिए एलआईसीआई भी इसका अपवाद नहीं होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि यह आईपीओ बड़ी तादाद में नए निवेशकों के साथ साथ संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करेगा।’

क्षेत्र का परिदृश्य
जीवन बीमा प्रीमियम महामारी की वजह से वित्त वर्ष 2021 में प्रभावित हुआ था। हालांकि केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट में हा गया कि जीवन बीमा कंपनियों का पहले वर्ष का प्रीमियम मार्च 2022 में 37.3 प्रतिशत की सालाना वृद्घि दर से बढ़ा और एलआईसी ने लगातार दूसरे महीने अपने निजी क्षेत्र के प्रतिस्पर्धियों को लगातार मात दी है। विश्लेषक इस उद्योग के मध्यावधि परिदृश्य को लेकर आशान्वित बने हुए हैं।

First Published : April 27, 2022 | 1:38 AM IST