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रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध की आशंका से कच्चे तेल में तेजी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:51 PM IST

मंगलवार को तेल कीमतें चढ़कर 127 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गईं। रूसी तेल निर्यात के खिलाफ अमेरिका की ओर से औपचारिक प्रतिबंधों की संभावनों से आपूर्ति को लेकर चिंता गहरा गई है। मई के लिए बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 3.56 डॉलर या 2.9 प्रतिशत चढ़कर 126.77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।  
इस बीच खबर मिली है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस से तेल आयातों पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है, जो यूक्रेन पर रूस की तरफ से किए गए हमले का जवाब है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यूक्रेन के राष्ट्रपति के तरफ से अमेरिका से फरियाद के बाद बाइडन ने यह कदम उठाया है।
अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि यूक्रेन पर हमले की वजह से दुनिया का सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता अमेरिका द्वारा रूसी तेल आयात पर प्रबिंध लगाया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका यूरोपीय सहयोगियों की मदद के बगैर यह कदम उठाने को इच्छुक दिख रहा है। ब्रिटेन की तेल कंपनी शेल ने मंगलवार को कहा कि उसने तुरंत प्रभाव से रूसी तेल एवं गैस कारोबार से निकलने और रूसी कच्चे तेल की सभी हाजिर खरीदारियां रोकने की योजना बनाई है।
उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने सोमवार को कहा कि यदि अमेरिका और यूरोपीय संघ रूस से तेल आयात को प्रतिबंधित करते हैं तो तेल कीमतें चढ़कर 300 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच सकती हैं। आशंका है कि रूस ऊर्जा निर्यात रोककर प्रतिक्रिया देगा, जिससे कीमतें बढ़ेंगी। गोल्डमैन सैक्स ने 2022 के लिए अपने ब्रेंट कीमत अनुमान को 98 डॉलर से बढ़ाकर 135 डॉलर प्रति बैरल और 2023 के परिदृश्य को 105 डॉलर से बढ़ाकर 115 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है। उसका कहना है कि विश्व अर्थव्यवस्था को रूस के अहम योगदान की वजह से सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्ति झटके का सामना करना पड़ सकता है। अपने कार्यक्रम को लेकर ईरान के साथ बातचीत में संभावित सुस्ती से भी कीमतों को मदद मिली है। मौजूदा वार्ता से जुड़े यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने कहा कि यह ईरान और अमेरिका पर निर्भर है कि सौदे के बारे में राजनीतिक निर्णय लेने में कितना वक्त लग सकता है। परमाणु सौदा होने के बाद ईरानी तेल का प्रवाह बहाल होने में महीनों का समय लग सकता है।

कीमत बढऩे के बाद एलएमई पर निकल कारोबार बंद
लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) ने मंगलवार को कहा कि उसने निकल का कारोबार कीमतें दोगुनी से ज्यादा बढ़कर रिकॉर्ड 100,000 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच जाने के बाद दिन के लिए शेष कारोबार रोक दिया। हरग्रीव्स लैंसडाउन में वरिष्ठ निवेश एवं बाजार विश्लेषक सुसन्ना स्ट्रीटर ने इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘एशिया में कारोबार के दौरान कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव से इस निर्णय के लिए बाध्य होना पड़ा। लगता है कि शेयरों के आकर्षण को लेकर तस्वीर अब जिंस के उत्साह में बदल गई है।

First Published : March 8, 2022 | 11:31 PM IST