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एआईएम से पैसा जुटाने से कतरा रही हैं कंपनियां

Last Updated- December 05, 2022 | 10:44 PM IST

भारतीय कंपनियों में ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट मार्केट (एआईएम)में उतरने और खुद को वहां लिस्ट कराने का उत्साह धीरे धीरे कम हो रहा है।


एआईएम लंदन स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ा है जो छोटी कंपनियों के लिए ही बना है। इसका अलग इंडेक्स होता है। इस मार्केट के निवेशक खासकर संस्थागत ही होते हैं इसके अलावा वो निवेशक जो इस बाजार के सेक्टर इंडेक्स ट्रैक करती हैं।


कम से कम दो ऐसी कंपनियों ने बाजार की मौजूदा हालत को देखते हुए इस एक्सचेंज में लिस्ंटिग का इरादा फिलहाल के लिए टाल दिया है। इनमें से एक पावर सेक्टर और दूसरी इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की है।  


साल 2007 में नौ भारतीय कंपनियों और फंडों ने एआईएम में खुद को लिस्ट कराया था। इनमें भारतीय कंपनियों के अलावा विदेश में प्रमोटेड भारतीय कंपनियां और वो विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं जिनकी भारत में असेट होल्डिंग हैं। इस दौरान भारतीय डोमोसाइल वाली कोई भी कंपनी इसमें लिस्ट नहीं हुई, यानी वो भारतीय कंपनी जिसका सारा कारोबार भारत में ही होता है।


साल 2007 की पहली तिमाही में तीन भारतीय कंपनियों ने एआईएम से करीब 40 करोड़ डॉलर जुटाए। लेकिन इस साल अब तक किसी भी भारतीय कंपनी इसमें लिस्ट नहीं हुई है। आखिरी कंपनी जो इसमें लिस्ट हुई वो दिसंबर 2007 में डीक्यू एंटरटेनमेंट थी। एआईएम ऑल शेयर इंडेक्स जनवरी 2 से 18 अप्रैल तक 1052.50 अंक से गिरकर 980.80 अंक यानी करीब 6.81 फीसदी गिर चुका है।


हालांकि एआईएम के अधिकारियों का मानना है कि जब बाजार में ऐसी उथल पुथल हो तो ऐसे माहौल में कंपनियों का इंतजार करना जायज है, ताकि उनके ऑफर को निवेशकों का बेहतर समर्थन मिल सके।


लॉ फर्में जो कंपनियों को एआईएम में लिस्ट करने की सलाह देती हैं उनका मानना है कि फिलहाल कंपनियों को इसमें थोडी एहतियात बरतने की सलाह जरूर दी गई है लेकिन ये केवल बाजार की मौजूदा हालात को देखते हुए किया गया है। इंटरनेशनल लॉ फर्म केन्स के डायरेक्टर माइक एडवाड्र्स के मुताबिक लिस्ट होने वाली कंपनियों में कमी आई है, ऐसा नहीं है कि उन कंपनियों का धंधा फायदे वाला नहीं, बात केवल यह है कि इस समय निवेशक बाजार में पैसा लगाने से कतरा रहे हैं।

First Published - April 21, 2008 | 10:42 PM IST

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