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अमेरिकी मुद्रास्फीति में नरमी से बॉन्ड, रुपये में तेजी

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भास्कर दत्ता
Last Updated- December 15, 2022 | 12:01 AM IST

डीलरों का कहना है कि सरकारी बॉन्डों और रुपये में बुधवार को तेजी दर्ज की गई, क्योंकि अनुमान से कम अमेरिकी मुद्रास्फीति से फेडरल रिजर्व द्वारा आगामी दर वृद्धि को लेकर कम आक्रामक रुख अपनाए जाने की उम्मीद बढ़ी है।

बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 82.46 पर बंद हुआ, जबकि मंगलवार को इसका भाव 82.81 पर था। 2022 में अब तक भारतीय मुद्रा में अमेरिकी डॉलर की तुलना में 9.8 प्रतिशत की कमजोरी आ चुकी है।

10 वर्षीय बॉन्ड पर प्रतिफल 5 आधार अंक गिरकर बुधवार को 7.22 प्रतिशत हो गया। बॉन्ड कीमतों और प्रतिफल का विपरीत संबंध है। 10 वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल में 1 आधार अंक की गिरावट से इसकी कीमत में करीब 7 पैसे की वृद्धि होती है।

मंगलवार को कारोबार बंद होने के बाद जारी आंकड़े से पता चलता है कि अमेरिकी उपभोक्ता मुद्रास्फीति नवंबर में 7.1 प्रतिशत पर रही, जो दिसंबर 2021 से सबसे धीमी वृद्धि है।

आंकड़े ने यह उम्मीद भी पैदा की है कि फेडरल रिजर्व दर वृद्धि को अपने सख्त रुख में नरमी ला सकता है। 2022 में अब तक अमेरिकी फेड ने ब्याज दरों में 375 आधार अंक तक का इजाफा किया है और बुधवार को दरों में 50 आधार अंक तक की और बढ़ोतरी किए जाने की संभावना है।

कोटक सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष (करेंसी डेरिवेटिव्स) अनिंद्दय बनर्जी ने कहा, ‘डॉलर/रुपया हाजिर भाव अनुमान से कम अमेरिकी मुद्रास्फीति की वजह से 82.46 पर 34 पैसे कमजोर बंद हुआ। साथ ही यह भी उम्मीद बढ़ी है कि फेडरल रिजर्व बुधवार को यह संकेत देगा कि दरें अगले साल फरवरी-मार्च में करीब 5 प्रतिशत के चरम स्तर पर पहुंच जाएंगी।’

First Published : December 14, 2022 | 7:13 PM IST