बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के लिए ओएमएक्स द्वारा विकसित किए गए नए तकनीकी सिस्टम का क्रियान्वयन 2009 के दूसरी छमाही में हो पाएगा।
ओएमएक्स नैस्डैक के स्वामित्व वाली कंपनी है। ओएमएक्स बीएसई में तकनीक से संबंधित नई व्यवस्था प्रदान करने वाला है। हालांकि स्वीडन की यह कंपनी अभी भी अंतिम जरू रतों को पूरा करने के मद्देनजर प्रक्रियारत ही है।
इस बाबत नैस्डैक ओएमएक्स समूह के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया किअंतिम जरूरतों के पूरा होने के 10 से 12 महीनों के बाद सौदा पूरा हो जाएगा। मालूम हो कि नैस्डैक ओएमएक्स और बीएसई के बीच इस साल जनवरी 2008 में सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे।
हस्ताक्षर के वक्त बीएसई के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सीईओ रजनीकांत पटेल के मुताबिक नई व्यवस्था का विस्तार इस साल के मध्य तक पूरा कर लिया जाएगा। बीएसई के द्वारा नए कारोबारी प्लैटफॉर्म की लांचिंग इसकी उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत कारोबार को तेजी प्रदान करते हुए वॉल्युम को बढ़ाना एवं ज्यादा तरलता लाना है। इसके लिए ओएमएक्स की तकनीक मददगार साबित होगी।
इसके सहयोग से नए उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया जा सकेगा। इतना ही नही बल्कि नई तकनीक एक्सचेंज को मार्केट मेकर प्रकार्य भी मुहैया करवाएगा जिससे वायदा कारोबार वाले सेगमेंट में ज्यादा बड़े वॉल्यूमों को पैदा करने में आसानी होगी। एक्सचेंज ने हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष में इस प्रकार्य की योजना बनाई थी पर इसे अमली जामा नही पहनाया गया।
मालूम हो कि इस प्रकार्य से वित्तीय इंस्ट्रूमेंटों यानी वित्तीय लिखतों में खरीद एवं बिक्री कीमतों का उल्लेख करने में मदद मिलेगी। साथ ही ओएमएक्स तकनीक एक्सचेंज को एक टर्मिनल वाली स्क्रीन मुहैया करवाएगी जिससे विभिन्न प्रकार के कारोबार किए जा सकेंगे। किसी भी वक्त अगर बीएसई कमोडिटी कारोबार करने के लिए अलग कंपनी या फिर अलग स्थिति उत्पन्न करना चाहेगी तो इस काम में यह तकनीक मदद करेगी।
इसके अलावा बीएसई रातों रात एक नए बाजार का निर्माण कर सकता है। ओएमएक्स अभी भी बीएसई के साथ नई व्यवस्था में स्टॉक एक्सचेंज के विभिन्न कार्यों के संबंध में बातचीत के दौर में है। इसके अलावा ओएमएक्स बीएसई को सीएमसी के द्वारा दी जा रही बीओएलटी व्यवस्था का भी अध्ययन कर रही है।
मालूम हो कि बीओएलटी प्लेटफॉर्म से 800,000 ऑर्डर एकसाथ लिए जा सकते हैं। जबकि ओएमएक्स व्यवस्था से संस्थागतों को भी मदद मिलेगी कि वह स्वचालित या फिर एल्गोरिथमिक कारोबार बीएसई में कर सकें।
डीएमए को इस साल ही बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिली है। कुछ संस्थागतों ने तो पहले से ही डीएमए कारोबार को एनएसई यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में क्रियान्वित कर लिया है। जबकि बीएसई ने ओएमएक्स को पहले से ही कुल सौदे की रकम 3 करोड़ 75 लाख डॉलर में से 50 लाख डॉलर की रकम अदा कर दी है।