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Banking stocks fall: बैंकिंग शेयरों में भारी गिरावट, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में तगड़ा नुकसान!

इंडसइंड बैंक के कमजोर Q2 FY25 नतीजों के बाद उसके शेयरों में घबराहट में बिकवाली हुई, जिससे शेयरों में 19.6% की बड़ी गिरावट आई।

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निकिता वशिष्ठ   
Last Updated- October 25, 2024 | 4:12 PM IST

शुक्रवार को बैंकिंग सेक्टर के शेयरों, खासकर सरकारी बैंकों में बड़ी गिरावट देखी गई। निफ्टी बैंक इंडेक्स 2.1% गिरकर 50,440.6 के स्तर तक पहुंच गया।

इस गिरावट की मुख्य वजह इंडसइंड बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयरों में दबाव रहा। इंडसइंड बैंक के शेयरों में 20% तक की भारी गिरावट आई, जबकि अन्य बैंकिंग शेयरों में 4% से 6% तक की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, फेडरल बैंक, एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों में भी 2.6% तक की गिरावट आई।

सरकारी क्षेत्र के बैंकों को प्राइवेट बैंकों की तुलना में ज्यादा नुकसान हुआ। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 3.7% की गिरावट रही, जिसमें सभी 12 बैंकों के शेयर लाल निशान में थे। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 4% से ज्यादा गिरा, जबकि केनरा बैंक, यूको बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के शेयरों में भी 3% से ज्यादा की गिरावट आई।

इंडसइंड बैंक के कमजोर Q2 FY25 नतीजों के बाद उसके शेयरों में घबराहट में बिकवाली हुई, जिससे शेयरों में 19.6% की बड़ी गिरावट आई। इसका शेयर 1,027.8 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गया, जो मई 2023 के बाद का सबसे निचला स्तर है।

बैंकिंग शेयरों में गिरावट क्यों?

विश्लेषकों के अनुसार, ब्याज दरों के लंबे समय तक ऊंचे रहने की आशंका और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली इसकी मुख्य वजह हैं। एफआईआई और एफपीआई की पोर्टफोलियो में बैंकिंग शेयरों की बड़ी हिस्सेदारी है, जिससे इन शेयरों पर दबाव बढ़ रहा है।

FPI और FII बिकवाली:

अक्टूबर में अब तक एफआईआई ने भारतीय शेयरों में 98,086 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 92,932 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में सबसे ज्यादा एफपीआई आउटफ्लो देखा गया, जो 23,283 करोड़ रुपये रहा।

बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी:

अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी का असर भारतीय बॉन्ड यील्ड पर भी पड़ा है, जिससे बैंकिंग सेक्टर में निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है। बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी से बैंकों के पोर्टफोलियो की बाजार कीमत घट जाती है।

भारत में 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड में 1.7% की बढ़ोतरी हुई और यह 6.94% के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। अक्टूबर में अब तक बॉन्ड यील्ड में 1.1% की बढ़ोतरी हो चुकी है।

विकास की चिंता:

बैंकिंग सेक्टर की गैर-खाद्य क्रेडिट ग्रोथ अगस्त 2024 में 13.6% रही, जबकि जुलाई में यह 13.7% थी। प्रमुख सेक्टरों में सुस्ती के कारण यह गिरावट दर्ज की गई है। आईडीबीआई कैपिटल के अनुसार, भविष्य में क्रेडिट ग्रोथ 13-14% के बीच सीमित रह सकती है, खासकर क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन और एनबीएफसी पोर्टफोलियो में, जिन्हें आरबीआई द्वारा जोखिम वेट बढ़ाए जाने से झटका लगा है।

First Published : October 25, 2024 | 4:12 PM IST