बाजार

निर्यात बढ़ने से बालकृष्ण इंडस्ट्रीज को मिली मदद, अन्य टायर कंपनियों से किया बेहतर प्रदर्शन

बालकृष्ण ने बिक्री वृद्धि, उत्पाद मिश्रण, सख्त लागत नियंत्रण और अनुकूल विदेशी मुद्रा की मदद से मजबूत तिमाही दर्ज की।

Published by
राम प्रसाद साहू   
Last Updated- June 20, 2024 | 10:46 PM IST

देश में ज्यादा कारोबार करने वाली सूचीबद्ध टायर कंपनियों ने पिछले तीन महीनों में बेंचमार्क के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया, लेकिन निर्यातक बालकृष्ण इंडस्ट्रीज (Balkrishna Industries) कमजोरी के बीच मजबूती से आगे बढ़ने में कामयाब रही है।

ऑफ-हाइवे सेगमेंट के टायर का निर्यात करने वाली बालकृष्ण इंडस्ट्रीज ने इस अवधि में 43 प्रतिशत रिटर्न हासिल किय, जबकि एमआरएफ और अपोलो टायर्स के लिए यह 5 से 10 प्रतिशत के बीच रहा। मार्च तिमाही में अनुमान से बेहतर प्रदर्शन के अलावा, निर्यात और बाजार भागीदारी वृद्धि से कंपनी को प्रतिस्पर्धियों से आगे रहने में मदद मिली।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में विश्लेषकों ऋषि वोरा और प्रवीण पोरेड्डी का कहना है कि एमआरएफ, सिएट और अपोलो टायर्स के लिए मार्च तिमाही कमजोर रही थी, क्योंकि उन्हें वाणिज्यिक वाहन खंड में टायर रीप्लेसमेंट के लिए कमजोर मांग और एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रेस्पोंसिबिलिटी (ईपीआर) पर अमल की वजह से सुस्ती का सामना करना पड़ा।

अपोलो और सिएट ने ईपीआर के साथ साथ कच्चे माल की बढ़ती लागत की भरपाई के लिए कीमतें बढ़ाने की घोषणा की है। हालांकि एमआरएफ ने अभी किसी तरह की कीमत वृद्धि की घोषणा नहीं की है।

इसके विपरीत, बालकृष्ण ने बिक्री वृद्धि, उत्पाद मिश्रण, सख्त लागत नियंत्रण और अनुकूल विदेशी मुद्रा की मदद से मजबूत तिमाही दर्ज की।
बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 82,085 टन पर रही और कंपनी ने तिमाही में 15 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,673 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री दर्ज की।

मार्च तिमाही में परिचालन मुनाफा मार्जिन 24.9 प्रतिशत पर मजबूत रहा, जो एक साल पहले के मुकाबले 460 आधार अंक और तिमाही आधार पर 125 आधार अंक अधिक है। बिक्री वृद्धि, मार्जिन वृद्धि और अन्य आय में तेजी आने से कंपनी को 481 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज करने में मदद मिली, जो एक साल पहले के मुकाबले 88 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 56 प्रतिशत अधिक है।

कंपनी के टायरों का इस्तेमाल कृषि, खनन क्षेत्रों और उद्योगों में किया जाता है और उसकी बाजार भागीदारी 5-6 प्रतिशत है तथा उसने इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।

विविधता लाने के प्रयासों के अलावा, गैर-कृषि टायर सेगमेंट से जुड़ी कंपनियों की जरूरतें पूरी करने से भी बाजार भागीदारी में इजाफा हो सकता है। जहां पिछले दो साल सुस्त रहे और बिक्री 300,000 टन से नीचे रही, लेकिन मार्च तिमाही में सुधार के संकेत दिखे। हालांकि कंपनी भू-राजनीतिक जोखिमों को ध्यान में रखते हुए उपयोगकर्ता मांग पर सतर्क बनी हुई है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने वित्त वर्ष 2024-26 के दौरान बिक्री 9.4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2026 तक 350,000 टन रहने का अनुमान जताया है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों शशांक कनोड़िया और मनीषा केसरी का मानना है कि बालकृष्ण मजबूत मार्जिन, प्रतिफल अनुपात प्रोफाइल और दमदार बैलेंस शीट की वजह से अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग है। ब्रोकरेज ने पिछले महीने के दौरान इसकी कीमत में आई करीब 25 प्रतिशत की तेजी को ध्यान में रखते हुए ‘होल्ड’ रेटिंग दी है।

First Published : June 20, 2024 | 10:46 PM IST