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ऐक्टिव लार्जकैप फंडों का प्रदर्शन बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:06 AM IST

सक्रियता से प्रबंधित लार्जकैप फंडों ने पैसिव फंडों के मुकाबले बेहतर रिटर्न देना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह भारतीय इक्विटी बाजारों की व्यापक तेजी है। पिछले साल के मुकाबले इक्विटी लार्जकैप श्रेणी में औसत रिटर्न करीब 48 फीसदी रहा जबकि सेंसेक्स में 45 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
कई लार्ज कैप फंडों (खास तौर से ब्लूचिप फंड) ने पिछले एक साल में 50 से 60 फीसदी का रिटर्न दिया है। यह जानकारी वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से मिली। बाजार के भागीदारों ने कहा कि पिछले एक साल में इक्विटी बाजार की तेजी व्यापक रही है और यह कुछ ही शेयरोंं तक सीमित नहीं है, जिससे ऐक्टिव लार्जकाप फंडोंं को बेंचमार्क के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिली है।
2017 से 2019 के बीच कई फंड मैनेजरों ने संकेंद्रित तेजी के बीच बेहतर रिटर्न अर्जित करने के लिए संघर्ष किया था, जिससे निवेशक अपेक्षाकृत कम लागत वाले पैसिव फंडों की ओर चले गए। हालांकि इस साल के रिटर्न ने फंड मैनेजरोंं को शेयर चुनने की अपनी दक्षता सामने रखने में मदद की। महिंद्रा मनुलाइफ एमएफ के मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी) कृष्णा सांघवी ने कहा, कोविड के बाद व्यापक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है, जिसे नीतिगत कदमों, राजकोषीय विस्तार, पीएलआई योजा और आसान मौद्रिक नीति से मदद मिलेगी। अर्थव्यवस्था में बढ़त सामान्य तौर पर इक्विटी बाजारों में व्यापक तेजी के तौर पर देखने को मिलती है। ऐसे में बढ़त के उम्मीद वाले माहौल में ऐक्टिव फंड का प्रदर्शन पैसिव के मुकाबले बेहतर होता है।
फंडों की बात करें तो क्वांट फोकस्ड फंड ने पिछले एक साल में 70.19 फीसदी रिटर्न दिया है, जिसके बाद फ्रैंकलिन ब्लूचिप फंड का स्थान है और उसका रिटर्न 64.31 फीसदी रहा है।
यहां तक कि इक्वल वेट फंडों ने भी निफ्टी व सेंसेक्स को मात दे दी है। बाजार के भागीदारों ने यह भी कहा कि मिडकैप व स्मॉलकैप में छोटे निवेश से भी लार्जकैप को उच्च रिटर्न अर्जित करने में मदद मिली है। पिछले एक साल में बीएसई मिडकैप इंडेक्स 74.21 फीसदी चढ़ा है जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 101 फीसदी की उछाल दर्ज हुई है। फंड्सइंडिया के शोध प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, लार्जकैप फंडों को लार्जकैप में अपनी परिसंपत्ति का कम से कम 80 फीसदी निवेश करना होता है, बाकी निवेश मिड व स्मॉलकैप शेयरों में किया जा सकता है। पिछले एक साल में मिड व स्मॉलकैप शेयरोंं ने लार्जकैप के मुकाबले बेहतर रिटर्न दिया है और इससे भी ऐक्विट लार्जकैप फंडों को मदद मिली है।
हालांकि मिडकैप व स्मॉलकैप में तेज बढ़ोतरी को देखते हुए बाजार के भागीदारों का माननना है कि मौजूदा मूल्यांकन पर लार्जकैप ज्यादा आकर्षक नजर आ रहा है। सांघवी ने कहा, मिडकैप व स्मॉलकैप शेयर सामान्य तौर पर आसान मौद्रिक नीति के सबसे बड़े लाभार्धी होते हैं और पिछले एक साल में उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।

First Published : August 6, 2021 | 12:32 AM IST