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PM मोदी बोले- ऊर्जा जरूरतों के लिए विदेशी निर्भरता घटानी होगी, आत्मनिर्भरता पर देना होगा जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने असम में बायोएथनॉल संयंत्र और पॉलिप्रोपिलिन इकाई की शुरुआत कर ऊर्जा आत्मनिर्भरता पर जोर दिया और विदेशी तेल-गैस पर निर्भरता घटाने की नई दिशा प्रस्तुत की

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सुधीर पाल सिंह   
Last Updated- September 14, 2025 | 10:21 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम के गोलाघाट जिले के नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में बायोएथनॉल संयंत्र का उद्घाटन किया और पॉलिप्रोपिलिन इकाई की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं का मकसद स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है।

इस दौरान एक जनसभा में मोदी ने कहा कि राज्य को दी गई करीब 18,000 करोड़ रुपये परियोजनाओं और ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित परियोजनाओं के शुरू होने से असम के विकास का मार्ग और प्रशस्त होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘असम एक ऐसी भूमि है जो भारत की ऊर्जा क्षमता को और मजबूत करती है। असम से निकलने वाले पेट्रोलियम उत्पाद देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार भी इस क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’ उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी स्रोतों पर निर्भर रहा है और बड़ी मात्रा में कच्चे तेल और गैस का आयात करता रहा है। नतीजतन, देश को दूसरे देशों को हर साल करोड़ों रुपये का भुगतान करना पड़ता है, जिससे विदेश में रोजगार और आय बढ़ता है। उन्होंने कहा अब इस स्थिति को बदलने की जरूरत है।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने लाल किले से समुद्र मंथन पहल के बारे में की गई अपनी घोषणाओं को याद दिलाया और कहा कि विशेषज्ञों के आकलन से पता चलता है कि भारत के समुद्रों में तेल और गैस के पर्याप्त भंडार मौजूद हो सकते हैं। देश के विकास के लिए इन संसाधनों को भुनाने के लिए नैशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते वक्त में भारत को तेल और गैस पर निर्भरता कम करने के लिए वैकल्पिक ईंधन की आवश्यकता है और एथनॉल एक ऐसा ही व्यवहार्य विकल्प है। उन्होंने कहा, ‘बायोएथनॉल संयंत्र के परिचालन के लिए बांस की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जा रही है। सरकार स्थानीय किसानों को बांस की खेती में सहयोग करेगी और उनसे बांस की सीधी खरीद भी करेगी। इस क्षेत्र में बांस की कतरन से संबंधित छोटी इकाइयां स्थापित की जाएंगी।’ मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में हर साल करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हरित ऊर्जा और अक्षय ऊर्जा उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में देश दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। एक दशक पहले सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत काफी पिछड़ा हुआ था। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया है, जिसका मुख्य आधार असम है। उन्होंने कहा कि मोरीगांव में 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर संयंत्र का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।

First Published : September 14, 2025 | 10:21 PM IST