स्वास्थ्य

प्रस्तावित खाद्य लेबल प्रणाली में स्पष्ट संदेश का अभावः विशेषज्ञ

Published by
प्रतिज्ञा यादव
Last Updated- December 16, 2022 | 11:21 PM IST

भारत के खाद्य सुरक्षा नियामक के प्रस्तावित फ्रंट पैक न्यूट्रीशन लेबल (एफओपील) में उत्पादों के बारे में स्पष्ट और गैर भ्रामक संदेश नहीं दिया गया है। विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि इसकी रेटिंग आधारित व्यवस्था के कारण ऐसी स्थिति है। सितंबर में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने एफओपीएल के लिए मसौदा नियम जारी किए थे, जिसे इंडियन न्यूट्रीशन रेटिंग (आईएनआर) नाम भी दिया गया है।

मसौदा पर लोगों से 19 नवंबर तक प्रतिक्रिया मांगी गई थी और एफएसएसएआई ने एक बार फिर डॉक्टरों, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और उपभोक्ताओं के अधिकार से जुड़े संगठनों से नए सिरे से प्रतिक्रियाएं मांगी हैं। एफओपीएल का मसौदा नियम स्टार रेटिंग व्यवस्था पर आधारित है, लेकिन राष्ट्रीय महत्त्व के इन संस्थानों में काम कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स और कॉर्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि खाद्य एवं बेवरिज पैकेटों पर साफ-साफ शब्दों में चेतावनी लिखी होनी चाहिए।

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एपिडेमियोलॉजिकल फाउंडेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर उमेश कपिल ने कहा कि हम खतरनाक पैकेज्ड फूड खा रहे हैं, जिनमें ज्यादा चीनी, सोडियम, संतृप्त वसा और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेड होते हैं और यह सीधे तौर पर मधुमेह, लीवर और किडनी, हृदय और कैंसर की बीमारी से जुड़े हैं।

First Published : December 16, 2022 | 11:06 PM IST