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पिछले आठ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ीं, आधारभूत ढांचा बेहतर हुआ: मनसुख मांडविया

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प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
Last Updated- December 09, 2022 | 3:42 PM IST

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को बताया कि देश में 2014 की तुलना में मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या में अभी दोगुनी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है और स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 105 प्रतिशत बढ़ी है।

लोकसभा में गणेश सिंह के पूरक प्रश्न के उत्तर में मांडविया ने कहा कि सरकार देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा एवं शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रतिबद्धता से काम कर रही है जिसमें मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, सीटों की संख्या में वृद्धि और आधारभूत ढांचे एवं सुविधाओं के बेहतर बनाना शामिल है।

उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि देश में ऐसी मेडिकल शिक्षा मिल सके ताकि युवाओं को एमबीबीएस करने के लिये विदेशों में नहीं जाना पड़े। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि इन प्रयासों के तहत ही वर्ष 2014 की तुलना में आज मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2014 में 44 हजार एमबीबीएस सीटें थीं जो अब बढ़कर 96 हजार हो गई हैं जबकि स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 32 हजार से बढ़कर अभी 64 हजार हो गई है।

उन्होंने बताया कि जिला/रेफरल अस्पतालों को उन्नत करते हुए नये मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिये केंद्रीय प्रायोजित योजना के तहत 157 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किये गए जिनमें से 94 पहले से ही चालू हैं। मांडविया ने बताया कि एमबीबीएस और पीजी सीटों की संख्या में वृद्धि करके मौजूदा राज्य सरकारी/केंद्रीय सरकारी मेडिकल कॉलेजों को सुदृढ़ करने की योजना है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अत्याधुनिक ब्लॉकों का निर्माण करके सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के लिये केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत कुल 75 परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं। उन्होंने बताया कि नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना संबंधी केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत 22 एम्स का अनुमोदन किया गया है। इनमें से 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किये गए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि इसके अलावा शिक्षक, कर्मचारियों, विस्तरों की संख्या एवं अन्य आधारभूत ढांचे की आवश्यकता के संबंध में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हेतु मानदंडों में छूट देने जैसी पहल की गई हैं।

First Published : December 9, 2022 | 3:42 PM IST