मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यन ने सितंबर तक 70 करोड़ लोगों का आंशिक टीकाकरण हो जाने की संभावना जताई है। इससे त्योहारों के दिन आने से पहले ही अर्थव्यवस्था सुधरने लगेगी। उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘करीब आधी आबादी के टीकाकरण से महामारी के असर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2021 की अंतिम तिमाही में बने सुधार के रुझान में कुछ नरमी आई है। अप्रैल में आर्थिक गिरावट और मई में ‘ज्यादा बड़ी गिरावट’ पर अंकुश लगने की संभावना है क्योंकि पिछले 10 दिनों में महामारी कमजोर पड़ी है और अहम संकेतक सुधरे हैं।’
उन्होंने कहा कि महामारी से संबंधित पाबंदियां हटने और लोगों में कोविड के मुताबिक उचित व्यवहार से आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ सकती हैं। दूसरे देशों की तरह भारत को महामारी पर काबू रखते हुए और टीकाकरण तेजी से बढ़ाते हुए आर्थिक गतिविधियों में इजाफे का कोई तरीका निकालना चाहिए। उन्होंने समझाया कि आर्थिक सुधार की रफ्तार टीकाकरण की गति पर किस तरह निर्भर करती है। सुब्रमण्यन ने कहा, ‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आपूर्ति अनुमान (और हमने भी अपना आकलन किया है) के हिसाब से हर्ड (जनता में व्यापक) इम्यूनिटी हासिल करने के लिए 70 करोड़ लोगों को टीके लगाने पड़ेंगे। वैश्विक प्रमाण इस बात को सही ठहराते हैं। अमेरिका और ब्राजील की 70 फीसदी से अधिक आबादी का टीकाकरण होने के बाद वहां मृत्यु दर में बहुत गिरावट आई है।’ अमेरिका में जब 25 फीसदी से अधिक आबादी को पहली खुराक लग गई तो मृत्यु दर काफी कम हो गई। कुछ शोध दर्शाते हैं कि केवल पहली खुराक देने पर ही मृत्यु दर 18 फीसदी घट जाती है। उन्होंने कहा, ‘जितनी आपूर्ति का अनुमान जताया जा रहा है, उसके हिसाब से हमें लगता है कि सितंबर तक 70 करोड़ लोगों को पहली खुराक लग जाएगी।’