देश में कोविड-19 का संक्रमण पिछले कुछ सप्ताह में खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, ऐसे में अस्पतालों में भर्ती उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। इसकी वजह से स्वास्थ्य बीमा की मांग पिछले कुछ सप्ताह के दौरान बहुत तेजी से बढ़ी है।
पिछले साल भी स्वास्थ्य बीमा की मांग में इसी तरह की तेजी देखी गई थी, जब महामारी ने कदम रखा था। बहरहाल विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य बीमा की मांग में तेजी उतनी नहीं दिख रही है, जिसनी पिछले साल महामारी के शुरुआती महीनों में देखी गई थी। हालांकि इस बार कुछ अलग रुख दिख रहा है और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेते समय लोग समग्र स्वास्थ्य बीमा उत्पाद को प्राथमिकता दे रहे हैं, न कि कोविड विशेष के लिए बीमा अपना रहे हैं। पिछले साल कोविड बीमा की मांग ज्यादा थी।
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के बिजनेस हेड-स्वास्थ्य अमित छाबड़ा ने कहा, ‘पिछले 2 सप्ताह के दौरान कोविड-19 संक्रमण बढ़ा है और इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा की मांग में तेजी आई है। ऐसी पॉलिसी की मांग इन महीनों के दौरान जितनी रहती है, उसकी तुलना में दोगुनी है। स्वास्थ्य बीमा के हिसाब से अप्रैल का महीना बहुत सुस्त होता है, लेकिन हम मांग में तेज वृद्धि देख रहे हैं। ज्यादा बीमा राशि वाली समग्र स्वास्थ्य पॉलिसी की मांग ज्यादा है, कोविड विशेष की पॉलिसी की मांग उसकी तुलना में कम है।’
आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस के अंडरराइटिंग एवं दावों के प्रमुख संजय दत्ता ने कहा, ‘समग्र स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की मांग में हमें कुछ तेजी नजर आ रही है। लेकिन वृद्धि प्रतिशत उतनी ज्यादा नहीं है, जितनी कि महामारी के शुरुआती महीनों में थी।’
पिछले वित्त वर्ष के दौरान जनरल और एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टफोलियो में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई थी, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी खुदरा पॉलिसियों की भूमिका अहम थी।
वित्त वर्ष 21 में गैर जीवन बीमा उद्योग के स्वास्थ्य प्रीमियम में 18.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह वित्त वर्ष 20 के 49,600.72 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 58,584.36 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह से खुदरा स्वास्थ्य में इस अवधि के दौरान 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 19,013.97 करोड़ रुपये से बढ़कर 26,258.39 करोड़ रुपये हो गया।
इसके साथ ही गैर जीवन बीमा कारोबार में स्वास्थ्य पोर्टफोलियो की हिस्सेदारी बढ़कर 29.48 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले साल करीब 300 आधार अंक की बढ़ोतरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त वर्ष 22 में स्वास्थ्य पोर्टफोलियो बेहतर रहने की संभावना है।
मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस में डायरेक्टर, अंडरराइटिंग, प्रोडक्ट्स ऐंड क्लेम्स भावतोष मिश्र ने कहा, ‘पिछले कुछ सप्ताह के दौरान स्वास्थ्य बीमा और कुल मिलाकर बीमा के लिए पूछताछ बढ़ी है। कोरोना की पहली लहर में हमने जो स्थिति देखी थी, कमोवेश वही स्थिति अभी दिख रही है। हमें कोविड केंद्रित पॉलिसी और समगग्र स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में लोगों की बढ़ी दिलचस्पी नजर आ रही है। लेकिन इस बार कोविड केंद्रित पॉलिसी के बजाय समग्र पॉलिसी पर लोगों का ज्यादा जोर है। इसकी वजह संभवत: यह है कि कोविड केंद्रित पॉलिसी कम अवधि के लिए हैं और लोग महसूस कर रहे हैं कि कोविड एक बार की चीज नहीं है, यह समस्या लंबे समय तक रह सकती है।’