भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच चीन सरकार के नियंत्रण वाली एक कंपनी सामरिक लिहाज से संवेदनशील जम्मू कश्मीर में स्मार्ट मीटर एवं पावर कम्युनिकेशन प्रणाली लगा रही है। इस मामले की भनक लगने के बाद अब जम्मू बिजली वितरण एवं निगम लिमिटेड (जेपीडीसीएल) ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस परियोजना की जांच का आदेश दिया है। यह परियोजना तीन हिस्से में विभाजित है और चीन की कंपनी वोंगफेंग इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (डीएफई) ने रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) कम्युनिकेशन लगाने का ठेका लिया है। आरएफ बिजली उपकरण जैसे स्मार्ट मीटर के लिए रिमोट कम्युनिकेशन सिस्टम है।
परियोजना का ठेका केंद्र सरकार की एजेंसी आरईसी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन (आरईसीपीडीसीएल) ने दिया था। नव गठित केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री विकास प्रोत्साहन के तहत यह परियोजना शुरू की गई थी। 9 जुलाई 2020 को लिखे एक पत्र में जेपीडीसीएल ने परियोजना की जांच के लिए आरईसीपीडीसीएल को कहा है। इस परियोजना के लिए बोली लगाने वाली लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) सहित अन्य कंपनियों ने आरोप लगाया है कि चीन की जिस कंपनी को ठेका दिया गया, उसने बोली प्रक्रिया में भाग तक नहीं लिया था। एलऐंडटी ने राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया। कंपनी ने 2 जुलाई 2020 को जम्मू कश्मीर के बिजली वितरण विभाग और इस केंद्र शासित क्षेत्र के सचिवालय को लिखे एक पत्र में कहा, ‘इस नाजुक समय में चीन सरकार नियंत्रित कंपनी को एक संवेदनशील परियोजना देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है।’ बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी यह पत्र देखा है। जेपीडीसीएल ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए आरईसीपीडीसीएल को ठेके की समीक्षा के लिए कहा है।
जेपीडीसीएल के मुख्य अभियंता ने एक पत्र में कहा, ‘पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के आक्रामक रुख और बिजली मंत्रालय द्वारा चीन में बने बिजली उपकरणों पर पाबंदी लगाने के आदेश के परिप्रेक्ष्य में इस मामले में सावधानी बरतते हुए उपयुक्त कदम उठाने की जरूरत है।’ इस विषय पर प्रतिक्रिया लेने के लिए जेपीडीसीएल को भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया। आरईसीपीडीसीएल ने कहा, ‘जेपीडीसीएल द्वारा शुरू की गई किसी ऐसी जांच का हमें इल्म नहीं है।’ आरईसीपीडीसीएल ने कहा कि जेपीडीसीएल ने उसके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी किसी तरह की चिंता जाहिर नहीं की है। बकौल आरईसीपीडीसीएल, सुरक्षा संबंधी सभी कानूनी अनिवार्यता का पालन किया गया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड ने ऐसे दस्तावेज देखे हैं, जिनसे पता चलता है कि डीएफई ने बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया था। बिजली मंत्रालय के अधीनस्थ संस्था ग्रामीण विद्युतीकरण निगम की इकाई आरईसीपीडीसीएल ने 125 करोड़ रुपये लागत वाली यह परियोजना आवंटित की थी। परियोजना सितंबर 2019 में आवंटित की गई थी गई थी और इसका उद्घाटन केंद्रीय बिजली, नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आर के सिंह ने किया था। परियोजना के तहत जम्मू और श्रीनगर दोनों शहरों में प्रत्येक में 1 लाख स्मार्ट मीटर साथ में संचार एवं जरूरी ढांचे लगाए जाने की योजना है।