भर्तियां तेज होने और आईटी/आईटीईएस क्षेत्र में वेतन बढ़ोतरी की वजह से देश के 7 प्रमुख शहरों में चालू कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में मकानों की बिक्री दो गुने से ज्यादा हो गई है।
बुधवार को जारी एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के नए अध्ययन के मुताबिक चालू कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में 62,800 मकानों की बिक्री हुई है, जबकि कैलेंडर वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में 29,520 मकानों की बिक्री हुई थी।
एनारॉक ने कहा कि कुल बिक्री में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत है और 16 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एनसीआर दूसरे स्थान पर है।
हाल ही में गोदरेज प्रॉपर्टीज की नोएडा परियोजना में दूसरे चरण में रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई थी। कंपनी ने परियोजना पेश किए जाने के दिन 580 करोड़ रुपये के मकान की बिक्री की। प्रेस्टिज एस्टेट ने भी अगस्त में बेंगलूरु में शुरू की गई योजना में सभी आवासीय प्लॉट बेच दिए।
बहरहाल 7 प्रमुख शहरों में नई पेशकश पिछले साल की तुलना में 98 प्रतिशत बढ़ा है और यह कैलेंडर वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही के 32,530 की तुलना में कैलेंडर वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में करीब 64,560 यूनिट हो गया है। एमएमआर में सबसे ज्यादा नई पेशकश (करीब 16,510 यूनिट) हुई है, हैदराबाद 14,690 यूनिट के साथ दूसरे स्थान पर है।
मझोले आकार के (मकान की कीमत 40 से 80 लाख रुपये) और प्रीमियम (80 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक) मकानों की संख्या नई आपूर्ति में सबसे ज्यादा है और इनकी हिस्सेदारी क्रमश: 41 प्रतिशत और 25 प्रतिशत है। इस तिमाही में सस्ते मकानों (40 लाख रुपये से नीचे) की आपूर्ति में हिस्सेदारी घटकर 24 प्रतिशत रह गई है। प्रमुख 7 शहरों में संपत्ति का औसत मूल्य पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3 प्रतिशत बढ़ा है और यह 2021 की तीसरी तिमाही में 5,760 रुपये प्रति वर्गफुट हो गया, जो 2020 की तीसरी तिमाही में 5,600 रुपये प्रति वर्गफुट था। बेंगलूरु में कीमतों में करीब 4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई है।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि आईटी-आईटीईएल का 7 प्रमुख शहरों में आवास की मांग पर सबसे ज्यादा असर हुआ है।