बढ़ी मांग से लौटा रियल स्टेट कारोबारियों का भरोसा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:02 AM IST

कोविड-19 की दूसरी लहर में आवास की बिक्री अप्रैल और मई के दौरान करीब 50 प्रतिशत कम हुई है। रियल एस्टेट डेवलपरों और विश्लेषकों को भरोसा है कि बढ़ी मांग से इस क्षेत्र को बल मिलेगा। कम ब्याज दरें, सस्ते मकान पर कर छूट, सही दाम और अन्य प्रोत्साहन ग्राहकों को वापस ला सकते हैं।
गोदरेज प्रॉपर्टीज के चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज ने कहा, ‘बदलाव के समय में मंदी ज्यादा थी, जब बहुत से संभावित खरीदार लॉकडाउन के प्रतिबंधों के हटने के बाद सौदे को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे थे।’ उन्होंने कहा, ‘अब हम निर्माण स्थलों पर बढ़ी आवाजाही देख रहे हैं। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि सरकारी कार्यालयों में कामकाज पूरी क्षमता के साथ शुरू होने के बाद मंजूरियां तेजी से मिलेंगी।’  
गोदरेज का कहना है कि प्रचार, ग्राहकों के लिए आसान भुगतान योजनाओं से मदद, किराये का आश्वासन और फर्निश्ड होम पैकेजों को घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के खरीदारों से बेहतर प्रतिक्रिया मिल रही है।
बेंगलूरु की रियल एस्टेट फर्म पूर्वांकरा के प्रबंध निदेशक आशीष आर पूर्वांकरा का मानना है कि तुलनात्मक रूप से कम प्रतिबंधों व लगातार निर्माण गतिविधियों से लगता है कि दूसरी लहर में इस उद्योग में काम चलता रहा है।  उन्होंने कहा, ‘निवेशकों की रुचि बहाल हुई है, खासकर विश्वसनीय डेवलपरों की परियोजनाओं में।’ जमीनी शोध से पता चलता है कि ग्राहकों की धारणा सकारात्मक है। बड़े आवासों (3 बीएचके) की मांग बढ़ी है।
सनटेक रियल्टी के चेयरमैन कमल खेतान ने कहा, ‘जून के मध्य के आर्थिक संकेतकों से पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। ऐसे में हमारा मानना है कि दूसरी तिमाही और उसके बाद मांग धीरे धीरे बढ़ेगी और यह कोविड के पहले के स्तर पर पहुंचेगी।’
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स का कहना है कि कैलेंडर वर्ष 21 की दूसरी तिमाही में आवासीय बिक्री कैलेंडर वर्ष 20 की दूसरी तिमाही की बदतर स्थिति की तुलना में 93 प्रतिशत बढ़ी है क्योंकि डेवलपर डिजिटल माध्यमों से आक्रामक रूप से बिक्री पर जोर दे रहे हैं।बहरहाल अगर कोविड के पहले के साल कैलेंडर वर्ष 19 की दूसरी तिमाही से तुलना करें तो बिक्री अभी भी 64 प्रतिशत कम है।
इक्रा में कॉर्पोरेट रेटिंग की वाइस प्रेसीडेंट और सेक्टर हेड माही अग्रवाल ने कहा मांग बढ़ाने के प्रमुख कारकों में  होम लोन की सस्ती दरें और खासकर सस्ते आवास में आयकर में छूट शामिल है, इससे वित्त वर्ष 21 की दूसरी छमाही में रिकवरी हुई है।
अग्रवाल ने कहा, ‘महाराष्ट्र में स्टांप शुल्क कम किए जाने से मुंबई, पुणे जैसे प्रमुख शहरों में अगस्त, 2020 से मार्च, 2021 के दौरान बहुत तेजी से बिक्री बढ़ी। हैदराबाद और चेन्नई जैसे अन्य शहरों में भी तेजी से रिकवरी हुई और वाणिज्यिक रियल एस्टेट का काम बढ़ा और छोटे मकानों की बिक्री से भी समर्थन मिला।’
डेवलपरों और विश्लेषकों दोनों को उममीद है कि वित्त वर्ष 21 की दूसरी छमाही में इसी तरह से कारोबार में बढ़ोतरी होगी। गोदरेज ने कहा, ‘इस महामारी के बाद युवा पीढ़ी, जो किराया देने में सक्षम है, अपना मकान लेना चाहेगी।’
अग्रवाल भी इससे सहमत हैं और उन्होंने कहा कि इक्रा को उम्मीद है कि सितंबर तिमाही में  उसी तरह तेजी देखी जा सकती है, जैसी वित्त वर्ष 20 की दूसरी तिमाही में देखी गई थी।

First Published : July 4, 2021 | 11:33 PM IST