कोविड की लहर और मंदी से परेशान भारतीय रेलवे अब तक इससे उबर नहीं पाया है। रेल मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि यात्रियों द्वारा टिकट बुकिंग का कोविड से पूर्व का स्तर अब तक बहाल नहीं हो पाया है।
फरवरी में रेलवे को 41.3 करोड़ टिकट बुकिंग प्राप्त हुए जो पिछले वर्ष से 43 फीसदी अधिक है लेकिन यह फरवरी 2020 में मिले 67.5 करोड़ टिकट बुकिंग का 61 फीसदी है। आंकड़ों के मुताबिक केवल फरवरी 2020 में ही एक महीने के भीतर रेलवे को 50 करोड़ से अधिक टिकट बुकिंग मिले थे।
वित्त वर्ष 2019-20 में रेलवे को उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों को मिलाकर 810.9 करोड़ बुकिंग मिले थे यानी हर महीने औसतन 67.5 करोड़ बुकिंग। 2020-21 में वार्षिक बुकिंग घटकर 125 करोड़ रह गया था। मासिक आधार पर इसका न्यूनतम स्तर 10.45 करोड़ रहा था।
2020 के अप्रैल और मई में रेलवे सेवाएं पूरी तरह बंद थीं उसके आगामी महीनों भी बुकिंग गतिविधि धीमी रही।
2021-22 में फरवरी तक रेवले को 29.1 करोड़ औसत बुकिंग के साथ 320.4 करोड़ बुकिंग मिली है। बजट में मंत्रालय ने 859.4 करोड़ यात्रियों का वार्षिक लक्ष्य तय किया जिसे बाद में संशोधित कर उसे 353.3 करोड़ करना पड़ा।
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष के आरंभ के बाद के सात महीनों में यात्री मांग में करीब आठ गुने की वृद्घि हुई जो दूसरी लहर के बाद तेजी से नीचे आई। एक ओर जहां डेल्टा लहर के बाद सामान्य स्थिति बहाल होने पर टिकट बुकिंग में वृद्घि हुई वहीं जुलाई 2021 से फरवरी 2022 की अवधि का दो वर्ष पहले की समान अवधि से तुलना करने पर टिकट बुकिंग में एक बड़ा अंतर नजर आता है।
इस क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने पहचान जाहिर नहीं करने के अनुरोध के साथ कहा, ‘महामारी से पूर्व और मौजूदा आंकड़ों के बीच का अंतर निश्चित तौर पर चिंताजनक है। रेलवे की रिकवरी कई अन्य क्षेत्रों से धीमी है। एक ओर जहां व्यापार और कार्य संबंधी यात्रा और पर्यटन में कमी आई है वहीं मोटे तौर पर 80 फीसदी यात्री अनारक्षित खंडों और सामान्य वर्ग के होते हैं। यदि सामान्य खंड की आबादी यात्रा से दूरी नहीं बनाती तो टिकट बुकिंग में इतना बड़ा अंतर नहीं आता।’
हालांकि, रेल मंत्रालय का मानना है कि वार्षिक रिकवरी उत्साहजनक है।
रेलवे के वरिष्ठ प्रवक्ता गौरव कृष्ण बंसल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘महामारी के दौरान ट्रेन सेवाएं थोड़े समय के लिए बाधित रहीं थी। विशेष तौर अनारक्षित वर्ग में ऐसा हुआ था। धीरे धीरे उन्हें दोबारा से बहाल किया जा रहा है। जैसे ही हम 100 फीसदी क्षमता पर लौट आएंगे वैसे ही यात्री बुकिंग की संख्या महामारी के पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगी। आरक्षित वर्गों में हम नई सेवाएं शुरू कर रहे हैं जैसे कि 400 वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा। इन सबके जरिये कुल मिलाकर यात्री क्षेत्र में हमें भारी इजाफे की उम्मीद है जिसकी झलकपिछले वर्ष के मुकाबले यात्री बुकिंग में आई 43 फीसदी की वृद्घि से मिलती है।’