इंडिया रेटिंग्स (Ind-Ra) ने शुक्रवार को कहा कि रेल ऑपरेटरों का राजस्व वित्त वर्ष 2025 में डबल डिजिट की बढ़ोतरी कर सकता है, जबकि गोदाम (वेयरहाउसिंग) क्षेत्र के किराए में 3-5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, ग्रेड-ए गोदामों की मांग स्थिर बनी रह सकती है।
समुद्री परिवहन (sea transport) के लिए, रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बंदरगाहों की गतिविधि तटीय माल ढुलाई और वैश्विक कंटेनर माल ढुलाई से बढ़ेगी, जिससे भू-राजनीतिक समस्याओं का हल और अमेरिका की ओर जाने वाली मालवाहन गति में सुधार होगा।
इंडिया रेटिंग्स ने लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री के लिए FY26 में अच्छे आउटलुक का अनुमान लगाया है। एजेंसी का कहना है कि सरकार के निवेशों से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को फायदा होगा, जैसे बंदरगाह, रेल, सड़क और हवाई परिवहन में किए गए सुधार।
इसी के साथ, अगर कंपनियां अपना निवेश बढ़ाती हैं, तो उनकी लागत कम हो सकती है और उनका मुनाफा बढ़ सकता है। इंडिया रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर प्रतीक मुंधड़ा ने कहा, “हमारे अनुमान के मुताबिक, FY26 में रेल ऑपरेटरों का राजस्व डबल डिजिट में बढ़ेगा, जिसे 2024 में रेक्स और ड्राई टर्मिनल्स में निजी निवेश से मदद मिलेगा। वेयरहाउसिंग कंपनियों के लिए 3-5 प्रतिशत किराए में बढ़ोतरी हो सकती है और ग्रेड-ए स्पेस की मांग भी बनी रहेगी।”
कंटेनर फ्रेट स्टेशनों का मुनाफा इस वित्तीय वर्ष में रेस के चलते कम हो सकता है। वहीं, फ्रेट फॉरवर्डर्स का राजस्व और मुनाफा वैश्विक माल ढुलाई दरों में गिरावट के कारण प्रभावित हो सकता है।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि सरकार की राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति और पीएम गति शक्ति योजना से देश में बेहतर कनेक्टिविटी और समन्वय बनेगा, जिससे लॉजिस्टिक्स सेक्टर को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सार्वजनिक-निजी साझेदारी से बंदरगाहों का विस्तार होगा।
भारत में लॉजिस्टिक्स सेक्टर की बढ़ोतरी के लिए अधिक निजी निवेश की जरूरत है, खासकर रेल नेटवर्क, गोदाम और ड्राई टर्मिनल्स में। भारत का लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) 2018 में 44 से बढ़कर 2023 में 38 हो गया है और 2030 तक इसे टॉप 25 में लाने का लक्ष्य है।
इंडिया रेटिंग्स ने यह भी कहा कि पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (Western Dedicated Freight Corridor) के पूरा होने से कंटेनर ट्रेन ऑपरेटरों का मुनाफा बढ़ेगा। लेकिन, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और हॉलएज चार्ज में बदलाव पर ध्यान देने की जरूरत है। फिर भी, लॉजिस्टिक्स कंपनियों की रेटिंग “स्थिर” बनी हुई है, क्योंकि उनके प्रदर्शन और वित्तीय स्थिति मजबूत हैं।