‘स्वास्थ्यकर्मियों-बुजुर्गों को टीके में प्राथमिकता’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 9:05 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 टीका वितरण में प्राथमिकता दिया जाना स्वाभाविक है और जब कोई टीका उपलब्ध होगा तो सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों एवं 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वरीयता दी जाएगी। हर्षवर्धन फिक्की एफएलओ द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। कोविड के दौरान और उसके बाद बदले स्वास्थ्य प्रतिमान विषय पर आयोजित वेबिनार में हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 टीका अगले कुछ महीनों में उपलब्ध होगा और उम्मीद है कि अगले साल जुलाई-अगस्त तक 25-30 करोड़ लोगों के लिए 40-50 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा, ‘यह स्वाभाविक है कि टीका वितरण में प्राथमिकता दी जाएगी। आप जानते हैं कि स्वास्थ्यकर्मी जो कोरोना योद्धा हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, फिर 65 साल से अधिक आयु के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। फिर 50-65 साल की आयु वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।’ हर्षवर्धन ने कहा, ‘उसके बाद 50 साल से कम उम्र के लोग जिन्हें अन्य बीमारियां हैं। यह विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निर्धारित किया जा रहा है। हमने इस बारे में विस्तृत, सावधानीपूर्वक योजना बनाई है। अगले साल मार्च-अप्रैल में हमें क्या करना है, हमने अभी से ही इसकी योजना बनानी शुरू कर दी है।’ उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस घातक वायरस से छोटी-छोटी सावधानियां जैसे अच्छी गुणवत्ता का मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथों की सफाई से बचाव कर सकता है। भारत में गुरुवार को कोरोनावायरस से संक्रमण के 45,576 नए मामले सामने आने से कुल संख्या बढ़कर 89,58,483 हो गई।

होम्योपैथी दवाओं का परीक्षण
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि कोविड-19 से बचाव और उसके इलाज के लिए होम्योपैथी की कुछ दवाओं के क्लिनिकल परीक्षण के लिए दो डॉक्टरों की ओर से प्राप्त प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद के एक पीठ को बताया कि यह मंजूरी आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों के पालन के अधीन है। सरकार ने अदालत को बताया कि इसका कोई वित्तीय भार दिल्ली सरकार के आयुष निदेशालय पर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसकी फंडिंग अतिरिक्त अनुसंधान योजना के तहत भारत सरकार का आयुष मंत्रालय करेगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर फेस मास्क नहीं लगाने के लिए जुर्माने की राशि 500 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये करने की गुरुवार को घोषणा की। साथ ही उन्होंने अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने का भी ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार 19 नवंबर से निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बिस्तर कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित करने के अपने फैसले को लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को गैर-आईसीयू कोविड-19 बिस्तर 50 प्रतिशत से बढ़ाकर  60 प्रतिशत करने का भी निर्देश दिया गया है।

केंद्र ने राज्यों को भेजी टीम
केंद्र ने हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर के लिए उच्चस्तरीय टीमें रवाना की हैं जहां वे उन जिलों का दौरा करेंगी जहां कोविड-19 के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। ये टीमें संक्रमण के मामलों की रोकथाम, निगरानी, जांच और कुशल नैदानिक प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में राज्यों के प्रयासों को मजबूत करेंगी।   

First Published : November 19, 2020 | 11:43 PM IST