सड़क क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा से दबाव संभव

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:26 AM IST

रेटिंग एजेंसी इक्रा का कहना है कि सड़क क्षेत्र में बढ़ी प्रतिस्पर्धा और आक्रामक बोली के कारण कार्यशील पूंजी चक्र पर दबाव पड़ सकता है और इससे परियोजनाओं में देरी हो सकती है या परियोजनाएं अटक सकती हैं।
इक्रा ने कहा है, ‘सड़क क्षेत्र में नई कंपनियों का प्रवेश हो रहा है और इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। बोली लगाने वाले एनएचएआई के आधार मूल्य पर 30 से 35 प्रतिशत तक की छूट की बोली लगा रहे हैं। बीओटी (एचएएम) में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप एनएचएआई के औसत प्रीमियम लागत में पहले के  25-39 प्रतिशत से करीब 15 प्रतिशत की कमी आई है। यहां तक कि कुछ मामलों में नकारात्मक ओऐंडएम बोली हुई है।’
इन सब वजहों से इस क्षेत्र पर दबाव आने की पूरी संभावना है क्योंकि छूट वाली बोली ऐसे समय में आ रही है, जब स्टील, सीमेंट आदि जैसे जिंसों के दाम बहुत ऊपर चल रहे हैं।
इक्रा में कॉर्पोरेट रेटिंग के सह समूह प्रमुख व वाइस प्रेसीडेंट राजेश्वर बुरला ने कहा, ‘एनएचएआई के आधार मूल्य पर छूट वाली बोली ऐसे समय में हो रही है, जब स्टील सीमेंट आदि जिंसों के दाम ज्यादा हैं। ऐसे में ठेका लेने वाली कंपनियों के मुनाफे पर उल्लेखनीय असर पड़ सकता है।’
इसमें कहा गया है, ‘लागत में बढ़ोतरी ईपीसी ठेकों में शामिल होती है, वहीं हकीकत यह है कि एनएचएआई का आधार मूल्य भी उस तिथि के डीपीआर पर आधारित होता है, जिससे यह संभावना बनती है कि लागत बढऩे का प्रावधान संभवत: बड़े पैमाने पर बढ़े इनपुट लागत के बोझ को कम न कर पाए। ऐसे में सड़क ठेकेदारों में बोली को लेकर अनुशासन अहम है, जिससे कि पर्याप्त मुनाफा बरकरार रह सके और कार्यशील पूंजी चक्र पर बनने वाले दबाव से बचा जा सके।’
बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कम बोली आ रही है और कई बोलियों में ईपीसी परियोजनाओं के लिए 40 से ज्यादा सहभागी शामिल हो जा रहे हैं, जबकि एचएएम परियोजनाओं के लिए 10-15 प्रतिभागी (पहले 5 से 10 होते थे) शामिल हो रहे हैं। बढ़ी प्रतिस्पर्धा की एक वजह बोली लगाने वालों की पात्रता शर्तों में ढील दिया जाना है। अन्य क्षेत्रों (स्टेडियम, हॉस्पिटल, होटल, स्मार्ट सिटी, वेयरहाउस व साइलो, तेल और गैस) से सड़क क्षेत्र में नए कारोबारी आ रहे हैं।

First Published : June 21, 2021 | 11:39 PM IST