राष्ट्रपति ने बुधवार शाम को जब इस्तीफा स्वीकार किया, पूर्व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने ट्विटर परिचल में बदलाव कर ‘सांसद, पटना साहिब लोकसभा, बिहार। भाजपा कार्यकर्ता’ कर दिया। प्रसाद ने 7 साल तक आईटी मंत्री का दायित्व संभाला, जब सरकार का जोर तकनीक और डिजिटलीकरण पर था।
डिजिटल इंडिया, प्रदर्शन से जुड़ा प्रोत्साहन (पीएलआई), इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण योजना, साझा सेवा केंद्र, बिजनेस प्रॉसेस आउटसोर्सिंग योजना पर प्रसाद ने बहुत ज्यादा ध्यान दिया।
बहरहाल पिछले कुछ दिनों से उनका ध्यान एकमात्र ट्विटर और उसके द्वारा नया सूचना तकनीक नियम (आईटी नियम), 2021 का पालन न करने पर था, जिसके तहत कंपनी भारत में कुछ अनिवार्य अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर पाई थी।
प्रसाद ने बड़ी तकनीकी फर्म फेसबुक और उसके लोकप्रिय मैसेजिंग सेवा व्हाट्सऐप द्वारा निजीकरण के उल्लंघन और गलत सूचनाएं प्रसारित करने का मसला उठाया। चाहे वह कैंब्रिज एनालिटिका घोटाला हो, इजरायली सॉफ्टवेरय पेगासस
का मामला हो, जिसने व्हाट्सऐप की सुरक्षा को भेदा, प्रसाद ने फेसबुक और व्हाट्सऐप को कड़ा संदेश दिया।
यहां तक कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भी कुछ मामलों में शामिल हुईं, लेकिन बड़ी तकनीकी फर्मों की जांच में कुछ हासिल नहीं हुआ।