कृषि कानूनों पर विचार संभव : केंद्र

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:38 PM IST

केंद्र सरकार उन कुछ सुझावों पर विचार कर सकती है जो इन तीन कृषि कानूनों में सुधार के लिए किसानों द्वारा लाए जा सकते हैं, लेकिन इन्हें रद्द नहीं किया जाएगा, क्योंकि इन्हें संसद द्वारा पारित किया गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि ऐसे किसी प्रावधान को शामिल करना बड़ा सवाल है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तंत्र को किसी तरह का कानूनी आधार दे सकता हो, इस चरण में इस पर भी विचार नहीं किया जा रहा है, क्योंकि इससे बाजार को मुक्तकरने का पूरा उद्देश्य ही कमजोर हो जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोई भी कानून अपने आप में पूरा नहीं होता और उनमें सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है और अगर किसानों के समूहों को लगता है कि उनकी सलाह कानूनों को बेहतर बना सकती है, तो निश्चित रूप से इन पर विचार किया जा सकता है जिन्हें बाद में संशोधनों या नियमों में बदलाव करते हुए कानूनों में शामिल किया जा सकता है। इस बीच, केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों के बीच दूसरे चरण की बातचीत से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक कर नए कृषि कानूनों से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के उपायों पर चर्चा की। तोमर, गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने मंगलवार को किसान नेताओं के साथ बातचीत के दौरान केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया था। माना जा रहा है कि बुधवार को तीन प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों और इस संबंध में चर्चा की है कि नए कृषि कानूनों को लेकर कृषकों की चिंताओं को कैसे दूर किया जाए। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 35 किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था। किसान संगठनों के समूह अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई लंबी बैठक बेनतीजा रही थी। लगभग दो घंटे चली बैठक में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एकमत राय थी कि तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। किसानों के प्रतिनिधियों ने इन कानूनों को कृषक समुदाय के हितों के खिलाफ करार दिया।

First Published : December 2, 2020 | 11:09 PM IST