facebookmetapixel
BFSI Summit 2025: बीमा सेक्टर में दिख रहा अ​स्थिर संतुलन – अजय सेठरिलायंस और गूगल की बड़ी साझेदारी: जियो यूजर्स को 18 महीने फ्री मिलेगा एआई प्रो प्लानबीमा सुगम उद्योग को बदलने के लिए तैयार : विशेषज्ञअस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट दुनिया के लिए बना है भारत: अरुंधति भट्टाचार्यभारत की 4 कंपनियों को मिला चीन से ‘रेयर अर्थ मैग्नेट’ आयात लाइसेंस, वाहन उद्योग को मिलेगी राहतएआई से लैस उपकरण से बदला डिजिटल बैंकिंगमजबूत आईटी ढांचा सबके लिए जरूरी: अरुंधती भट्टाचार्यBFSI Summit : ‘नए दौर के जोखिमों’ से निपटने के लिए बीमा उद्योग ने ज्यादा सहयोगभारत में प्राइवेट इक्विटी बनी FDI की सबसे बड़ी ताकत, रोजगार बढ़ाने में निभा रही अहम भूमिकाबढ़ते करोड़पतियों, वित्तीयकरण से वेल्थ मैनेजमेंट में आ रही तेजी; BFSI समिट में बोले उद्योग विशेषज्ञ

Meta apology: जकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा इंडिया ने माफी मांगी

जकरबर्ग की भारतीय चुनावों पर टिप्पणी को लेकर मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष ने मांगी माफी, दुबे ने इसे भारत की जनता की जीत बताया।

Last Updated- January 15, 2025 | 11:18 PM IST
Meta

सोशल नेटवर्किंग मंच मेटा के एक अधिकारी ने कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्क जकरबर्ग द्वारा भारतीय चुनावों को लेकर की गई टिप्पणी पर सार्वजनिक माफी मांग ली जिसके बाद सूचना प्रौद्योगिकी समिति के चेयरपर्सन निशिकांत दुबे ने कहा कि यह मामला अब खत्म हो गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोक सभा सदस्य दुबे ने मंगलवार को कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय समिति कंपनी को तलब करेगी। जकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट में यह टिप्पमी की थी कि भारत की मौजूदा सरकार को लोकसभा चुनाव में सत्ता गंवानी पड़ी और दुनिया भर में कई सत्तारूढ़ सरकारों को सत्ता गंवानी पड़ी।

जकरबर्ग ने हाल ही में पॉडकास्टर जो रोगन से बातचीत की थी जिसे 10 जनवरी को पोस्ट किया गया था। इस बातचीत में जकरबर्ग ने कहा कि कोविड-19 महामारी से सरकारों ने जिस तरह निपटने की कोशिश की उसकी ही प्रतिक्रिया स्वरूप दुनिया भर की सरकारों पर से भरोसा खत्म हुआ। उन्होंने कहा, ‘दुनिया भर में 2024 एक बड़ा चुनावी वर्ष था और भारत सहित कई देशों में चुनाव हुए और सत्तारूढ़ दलों को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा।’

उन्होंने बताया कि इस तरह के वैश्विक घटनाक्रम न केवल अमेरिका में बल्कि दुनिया भर में देखे गए जब कोविड-19 से निपटने के लिए तैयार की गई आर्थिक नीतियों के चलते महंगाई बढ़ी। केंद्रीय रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 13 जनवरी को जकरबर्ग पर ‘गलत सूचनाएं’ देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जकरबर्ग का यह दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है कि कोविड महामारी के बाद भारत सहित ज्यादातर सत्तारुढ़ सरकारों को 2024 के चुनावों में सत्ता गंवानी पड़ी।

वैष्णव ने एक्स पर लिखा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में 2024 में चुनाव कराए गए जिसमें 64 करोड़ मतदाताओं ने हिस्सा लिया। भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में अपना भरोसा जताया है।’ उन्होंने मेटा से तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखने की ताकीद भी दी।

बुधवार को अधिकारियों ने विस्तृत ब्योरा दिया जिसमें अधिकारियों ने 20 सत्तारूढ़ सरकारों की सूची थी जिन्हें महामारी के बाद राष्ट्रीय चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा खासतौर पर वर्ष 2021 के बाद लेकिन इसमें भारत अपवाद रहा। इस सूची में अमेरिका, ब्रिटेन, श्रीलंका, इक्वाडोर, इजरायल, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, कोलंबिया, ब्राजील, इटली, ईरान, जर्मनी, पोलैंड और कुछ अन्य देश भी शामिल हैं जहां सरकारें बदलीं। इसमें इस बात का जिक्र भी था कि दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद नीति खत्म होने के बाद से पहली बार 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में अफ्रीकन नैशनल कांग्रेस को अपनी संसदीय बहुमत गंवानी पड़ी।

मंगलवार को दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मेरी समिति इस गलत सूचना को लेकर मेटा के अधिकारियों को तलब करेगी। किसी भी लोकतांत्रिक देश के बारे में गलत सूचनाओं से उसकी छवि खराब होती है। अपनी इस गलती के लिए इस कंपनी को भारतीय संसद में और यहां के लोगों से माफी मांगनी होगी।’ इस समिति के सूत्रों ने कहा था कि इस मामले पर विचार किया जाएगा और मेटा के अधिकारियों को 20 जनवरी से 24 जनवरी के बीच तलब किया जाएगा और मेटा से भारतीय संसद और इसके नागरिकों से एक औपचारिक माफी की उम्मीद की जा रही है। सूत्रों ने कहा कि अगर इन चिंताओं पर कोई समाधान नहीं निकला तब कंपनी के खिलाफ कोई कानूनी अनुशंसा की जाएगी।

हालांकि बुधवार की सुबह मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष और सार्वजनिक नीति के निदेशक शिवनाथ ठुकराल ने जकरबर्ग की टिप्पणी के लिए माफी मांगी और कहा कि यह ‘अनजाने में हुई भूल’ है। ठुकराल ने कहा, ‘माननीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मार्क जकरबर्ग का यह बयान कि 2024 के चुनावों में कई सत्तारूढ़ पार्टियां फिर से निर्वाचित नहीं हुईं वास्तव में यह कई देशों के लिए सही है, लेकिन यह भारत के लिए सही नहीं है। हम अनजाने में हुई इस भूल के लिए माफी मांगते हैं। भारत मेटा के लिए महत्त्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके नवाचार वाले भविष्य के केंद्र में बने रहने की उम्मीद करते हैं।’

दुबे ने एक्स पर लिखा, ‘मेटा के एक अधिकारी ने आखिरकार इस गलती के लिए माफी मांग ली है। यह भारत की आम जनता की जीत है। जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाया है जो उनके मजबूत नेतृत्व का परिचायक है।’ बाद में उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘अब इस मुद्दे पर हमारी समिति का दायित्व खत्म होता है। हालांकि अन्य विषयों पर हम इन सोशल प्लेटफॉर्म को भविष्य में तलब करेंगे।’

First Published - January 15, 2025 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट