महामारी की शुरुआत के बाद से जीवन बीमा क्षेत्र ने दो वर्ष से बेचैन करने वाली स्थिति का सामना किया है। महामारी के पहले वर्ष में आपूर्ति को लेकर समस्याएं होने से वृद्घि दर पर असर पड़ा और जब वे कोविड की शुरुआती असर से उबर ही रहे थे कि कोविड की दूसरी लहर ने बीमाकर्ताओं पर जबरदस्त प्रहार किया। इस दौरान मौत के दावों की झड़ी लग जाने से उनकी लाभप्रदता बहुत अधिक प्रभावित हुई।
महामारी की दूसरी लहर के बाद इस क्षेत्र की वृद्घि ने जोर पकड़ा है क्योंकि आपूर्ति से जुड़ी बाधाएं सुगम हुई हैं। इसके बाद उद्योग को वित्त वर्ष 2022 में दो अंकों की वृद्घि की उम्मीद नजर आ रही है।
चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीने में उद्योग के नए कारोबारी प्रीमियम (एनबीपी) में 8.43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एक ओर जहां निजी क्षेत्र ने 24 फीसदी से अधिक की जबरदस्त वृद्घि दर्ज की है वहीं सरकारी क्षेत्र की बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने 0.24 फीसदी की मामूली वृद्घि दर्ज की है।
एनबीपी का मतलब किसी खास वर्ष में नई पॉलिसियों से हासिल प्रीमियम होता है।
इंडियाफस्र्ट लाइफ इंश्योरेंस के उप मुख्य कार्याधिकारी रुषभ गांधी ने कहा, ‘कोविड-19 के चरण पीछे छूटने के साथ ही चालू वित्त वर्ष के अंत में आकर अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त वापसी की है। इसके अलावा बीमा को लेकर लोगों में बढ़ती जागरूकता के कारण भी जीवन बीमा क्षेत्र की वृद्घि को दम मिल रहा है। वृद्घि में निजी कंपनियां बाजी मार रही हैं। अनुमान है कि उद्योग वित्त वर्ष 2022 का अंत मजबूत स्थिति के साथ करेगा जिसमें व्यक्तिगत एपीई (वार्षिक प्रीमियम समकक्ष) आधार पर वृद्घि 13 से 15 फीसदी की होगी।’
उन्होंने कहा, ‘आगामी वर्ष और अधिक अच्छा रहने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फरवरी की अपनी मौद्रिक नीति बैठक में वित्त वर्ष 2023 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्घि 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। इसको ध्यान में रखते हुए और जीवन बीमा क्षेत्र की वृद्घि को इससे दोगुना मानकर विचार करें तो अगले वर्ष एपीई आधार पर इस क्षेत्र की वृद्घि 15-16 फीसदी के आसपास रह सकती है।’
निजी क्षेत्र के एक जीवन बीमा अधिकारी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2022 में समग्र वृद्घि दो अंकों में होनी चाहिए। सुरक्षा वृद्घि अंशांकित रहेगी। हालांकि, स्पष्ट रूप से सुरक्षा वृद्घि के लिए रास्ता तैयार है और यह दो अंक में बढ़ेगी। जीवन बीमा क्षेत्र की समग्र वृद्घि दो अंकों में रहनी चाहिए।’
महामारी की वजह से उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता और जोखिम धारणा बढऩे से सुरक्षा कारोबार में जीवन बीमा ने मजबूत वृद्घि दर्ज की है। इस दौरान गारंटीकृत उत्पाद के साथ साथ एन्यूटी उत्पादों ने भी अच्छी वृद्घि दर्ज की है।
एक ओर जहां इक्विटी बाजार में उतार चढ़ाव के कारण यूनिट लिंक्ड उत्पादों ने धीमी वृद्घि दर्ज की है वहीं इनमें धीरे धीरे सुधार होने की उम्मीद है। सार्वजनिक आरंभिक निर्गम (आईपीओ) लाने जा रही एलआईसी जिसने परंपरागत तौर पर समान उत्पादों की बिक्री अधिक की है, ने संकेत दिए हैं कि वह अपने गैर-समान कारोबार को बढ़ाएगी। एलआईसी की व्यापक पहुंच को देखते हुए यह बात उद्योग के लिए अच्छी है।
अमूमन, कारोबार के लिहाज से मार्च का महीना जीवन बीमा कंपनियों के लिए सबसे अच्छा होता है क्योंकि इस अवधि में कर बचाने वाली पॉलिसियों की बिक्री में इजाफा होता है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि उच्च आधार प्रभाव और चटके इक्विटी मार्केट की वजह से इस साल मार्च में वृद्घि धीमी रह सकती है।