10 फीसदी से भी कम को लगा कोवैक्सीन

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:11 AM IST

टीकाकरण अभियान के रूप अब तक करीब 19 लाख लोगों को भारत बायोटेक का कोवैक्सीन टीका लगाया गया है, जो टीका लगवाने वाले लोगों की कुल संख्या का 10 प्रतिशत से भी कम हिस्सा है। कोवैक्सीन लेने वालों में से केवल 311 लाभार्थियों में कुछ दुष्प्रभाव नजर आया है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
पॉल ने संवाददाताओं को बताया कि यह टीका अत्यधिक सुरक्षा के लिहाज से काफी समय से प्रभावी रहा है। कोवैक्सीन को अब कोविशील्ड के समान ही सामान्य आपातकालीन उपयोग का अधिकार है। दोनों ही टीकों में अधिकार दिए जाने की समान प्रबलता है। 1.8 करोड़ से अधिक लोग सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड टीका लगवा चुके हैं।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सरकार ने पहले की अपेक्षा काफी कम स्तर पर टीके की कीमत के लिए फिर से मोल-भाव मोल किया है। इस संबंध में उन्होंने और ज्यादा विवरण नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पहले प्रति खुराक दाम 200 रुपये और कर के साथ 210 रुपये थे। इसके बाद, फिर से मोल-भाव वाली कीमत इससे काफी कम है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने उस अतिरिक्त खुराक के आंकड़े साझा नहीं किए हैं, जिसकी खरीद आगे चलकर टीकाकरण के लिए की जाएगी, लेकिन पॉल ने कहा है कि आने वाले दिनों में टीकों के उत्पादन में इजाफा किया जाएगा। उन्होंने कहा ‘पिछले 10 दिनों के दौरान निजी और सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा एक ही प्रणाली के रूप में काम करने से टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी आई है … हमें उत्पादन में इजाफा होने की उम्मीद है।’
सरकार महाराष्ट्र में कोविड के मामलों की बढ़ती संख्या को लेकर भी चिंतित है, जहां एक केंद्रीय टीम भी हालात को समझने और मदद करने के लिए दौरा कर रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने संक्रमण के मामलों में इस तेजी का संबंध नए रूप से होने की बात खारिज की है। उन्होंने इस इस इजाफे के लिए कम जांच, निगरानी और  कोविड संबंधी अनुचित व्यवहार तथा बड़ी सभाओं को जिम्मेदार ठहराया है।
पॉल ने कहा ‘हम महाराष्ट्र के संबंध में काफी चिंतित हैं। यह एक गंभीर मामला है। इसके दो सबक हैं – वायरस को कमतर न आंके और अगर हमें कोविड मुक्त रहना है, तो हमें कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करने की जरूरत है। जब तक यह पूरी तरह से खत्म नहीं होता, तब तक यह खत्म नहीं होगा।’  भूषण ने कहा ‘आज महाराष्ट्र में 1,00,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा कगार पर हैं। हम इन राज्यों के साथ तीन बैठकें कर चुके हैं, जिनमें उन्हें तैयार रहने के लिए कहा गया है। फरवरी के मध्य में सबसे कम स्तर तक पहुंचने के बाद देश में सक्रिय मामलों में मार्च में फिर से इजाफा हुआ है।

First Published : March 11, 2021 | 11:08 PM IST