अधिसूचित हुर्ईं श्रम संहिताएं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 11:25 PM IST

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सराकर ने हाल में संसद में पारित विधेयक को अधिसूचित कर दिया है।  सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने इन्हें मंजूरी दे दी थी।  बहरहाल सरकार को अभी यह फैसला करना है कि श्रम संहिताएं कब से प्रभावी होंगी।  श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कुछ दिन पहले पीटीआई से कहा था कि सरकार सभी 4 श्रम संहिताएं एक साथ दिसंबर 2020 से लागू करने की कोशिश करेगी।
29 सितंबर को जारी गजट अधिसूचना के मुताबिक केंद्र सरकार को कानून के कुछ हिस्सों को विभिन्न तिथियों से अधिसूचित करके लागू करने की शक्ति है। तीन संहिताओं में औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और पेशेगत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं काम की स्थिति में 25 श्रम कानूनों को समाहित किया गया है। विपक्षी दलों ने कृषि विधेयक के विरोध में संसद का बहिष्कार किया था, उसी दौरान संसद के मॉनसून सत्र में इन तीनों विधेयकों को मंजूरी मिली। चौथा वेतन संहिता से जुड़ा हुआ है, जिसमें 4 श्रम कानून शामिल हैं और यह अगस्त 2019 को कानून बना था। बहरहाल सरकार को अभी भी इस कानून को लागू करना है क्योंकि वह सभी 4 कानूनों को एक साथ लागू करने को इच्छुक है।
कानून के विभिन्न प्रावधानों को तार्किक बनाए जाने और कार्यस्थल से संबंधित परिभाषाओं के एकीकरण के अलावा सरकार ने श्रम कानूनों में अहम बदला किए हैं। इनमें छंटनी के नियम आसान करना, ठेके पर कर्मचारी रखने को लेकर लचीलापन, नियत अवधि के लिए काम करने व स्थायी कर्मचारियों के लिए एक समान सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिया जाना, गिग कॢमयों और विस्थापित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कवर दिया जाना और छोटी फैक्टरियों को श्रम कानून से राहत दिया जाना शामिल है।

First Published : September 30, 2020 | 11:37 PM IST