जानिए, कौन हैं देश के नए मुख्य सांख्यिकीविद

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:11 AM IST

पेशे से शोधार्थी जीपी सामंत ऐसे समय में देश के मुख्य सांख्यिकीविद के रूप में काम करेंगे, जब भारत के आधिकारिक आंकड़ों पर तमाम तरह के संदेह कम नहीं हुए हैं। करीब ढाई साल के बाद एक पेशेवर को इस पद पर नियुक्त किया जा रहा है। इसके पहले अफसरशाहों ने यह काम किया है।
सामंत मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी हैं। उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता से सांख्यिकी में स्नातकोत्तर किया है। वह 1986 बैच के आईएएस अधिकारी छत्रपति शिवाजी का स्थान लेंगे। शिवाजी कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के सचिव पद के साथ मुख्य सांख्यिकीविद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे।
उन्होंने 1990 में भारतीय रिजर्व बैंक में सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग में शोध अधिकारी के रूप में कामकाज शुरू किया। उसके बाद से 55 साल के सामंत ने अर्थव्यवस्था से तमाम मसलों पर महत्त्वपूर्ण शोधपत्र लिखे।
हाल में उन्होंने मौद्रिक नीति की पारदर्शिता और भारत में महंगाई दर के मसले पर शोधपत्र लिखा। श्वेता कुमारी के साथ मिलकर लिखे गए इस शोधपत्र में भारत के लिए मौद्रिक नीति की पारदर्शिता पर एक सूचकांक तैयार किया गया है और महंगाई दर में पारदर्शिता की भूमिका की जांच की गई है।  इस पत्र में कहा गया है कि इसके अनुभवजन्य परिणाम दिखाते हैं कि लचीले महंगाई दर के लक्ष्य को 2016 में स्वीकार किए जाने के बाद नीतिगत पारदर्शिता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जिससे वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक को बेहतर दृष्टिकोण मिल सकता है।
एक अन्य शोधपत्र विनिमय दर और भारत में शेयर के भाव के संबंधों, भारत सरकार की नियत आय प्रतिभूति के लिए वैल्यू ऐट रिस्क मॉडलों के चयन और भारत की बैंकिंग व्यवस्था के लिए वैल्यू एट रिस्क को लागू करने के मसले पर है।
उनके सहकर्मी उन्हें उच्च दक्षता वाला व्यक्ति मानते हैं, जिन्हें महालनोबिस अवार्ड सहित तमाम प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं।
आधिकारिक आंकड़ों की कई विशेषज्ञों ने आलोचना की है। खासकर 2015 में सकल घरेलू उत्पाद की गणना की विधि बदलने के बाद से आलोचना तेज हुई है। धीरे धीरे आलोचना मंद पडऩे लगी थी, लेकिन 2018 में 2011 आधार वर्ष के आधार पर गणना करने के बाद विशेषज्ञों ने इस तरीके पर नए सिरे से संदेह व्यक्त करना शुरू कर दिया।  बहरहाल 2019 में मोस्पी ने पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणव सेन की अध्यक्षता में सांख्यिकी पर 20 सदस्यों वाली समिति का गठन किया। यह समिति रोजगा, उद्योग और सेवा क्षेत्र पर देश में सर्वे की समीक्षा करेगी।
सामंत को दो साल के लिए मुख्य सांख्यिकीविद नियुक्त किया गया है, जिन्हें समिति की सिफारिशों और इस तरह के तमाम दूसरे सुझावों पर विचार करना है।

First Published : March 11, 2021 | 11:28 PM IST