इंडिगो की आधे से अधिक उड़ान में शनिवार को देरी हुई क्योंकि विमानन कंपनी के अधिकांश केबिन क्रू काम पर आए ही नहीं। सूत्रों ने बताया कि इंडिगो केबिन क्रू से जुड़े लोग दरअसल एयर इंडिया के भर्ती अभियान के लिए गए थे और उन्होंने अंतिम समय में बीमार होने की सूचना दी जिससे विमानन कंपनी की उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया भारी मात्रा में भर्ती कर रही है क्योंकि यह अपने बेड़े में नए विमानों को भी शामिल करने की तैयारी कर रही है।
समय पर उड़ानों के संचालन के लिए पहचानी जाने वाली विमानन कंपनी के केवल 45 प्रतिशत विमान ही समय पर उड़ान भर पा रहे थे और 850 से अधिक विमानों ने अपने निर्धारित समय से 15 मिनट से अधिक की देरी से उड़ान भरी। विमानन कंपनी ने कल लगभग 1,600 उड़ानों का परिचालन किया जिसके परिणामस्वरूप लगभग 50 उड़ान रद्द करनी पड़ी। नाराज यात्रियों ने देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर इसके बारे में पोस्ट किया क्योंकि उनमें से कई की कनेक्टिंग फ्लाइट या ट्रेन छूट गई।
विमानन कंपनियां रोजाना लगभग 14 घंटे के लिए अपने विमान का इस्तेमाल करती है और पहली उड़ान में देरी से उड़ान के पूरे नेटवर्क पर इसका प्रभाव पड़ता है। इसकी जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया, ‘एयर इंडिया दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलूरु और कोलकाता जैसे पांच महानगरों में भर्ती अभियान चला रही है। भर्ती अभियान में हिस्सा लेने के लिए कंपनी से जुड़े केबिन क्रू ने अंतिम समय में बीमार होने की सूचना दी जिससे चालक दल के शेड्यूलिंग विभाग को काफी असुविधा हुई। सबसे अधिक देरी दिल्ली में हुई जो विमानन कंपनी का सबसे बड़ा आधार है। नतीजतन, पूरे उड़ान नेटवर्क पर इसका प्रभाव दिखा।’
बेंगलूरु से उड़ान भर रहे विमानन कंपनी के एक पायलट ने बताया कि वह केबिन क्रू के लिए दो घंटे तक विमान के अंदर इंतजार करते रहे। इंडिगो द्वारा संचालित ए320 विमान को उड़ान के लिए कम से कम चार केबिन क्रू की आवश्यकता होती है।
इंडिगो के प्रवक्ता ने इस पर पूछे गए सवालों पर कोई टिप्पणी नहीं की। उड़ान से पांच घंटे से भी कम समय पहले बीमारी की सूचना दी जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि इंडिगो प्रबंधन ने एयर इंडिया के साथ इस मुद्दे को उठाया था और कहा है कि विमानन कंपनी को अनापत्ति प्रमाण पत्र या मौजूदा नियोक्ता से कार्यमुक्त किए जाने से जुड़े पत्र के बिना चालक दल की भर्ती नहीं करनी चाहिए। डीजीसीए के नियमों में कहा गया है कि केबिन क्रू को कम से कम तीन महीने की नोटिस अवधि पूरी करनी होती है। हालांकि विमानन कंपनी की सहमति से इसे कम किया जा सकता है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। दुनिया भर में विमानन कंपनियों को प्रशिक्षित लोगों की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि महामारी के दो वर्षों के दौरान छंटनी के बाद इस क्षेत्र के कई कर्मचारी मुख्य रूप से होटल क्षेत्र की अन्य नौकरियों से जुड़ गए थे। यूरोपीय हवाईअड्डों पर भी इस तरह की समस्या देखी जा रही है।