इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवद्र्धन परिषद (ईसीएस इंडिया) के साथ बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जहां एक ओर घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माताओं को प्रौद्योगिकी में स्वदेशी अनुसंधान बढ़ाने की आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर भारत को निवेश के रूप में विदेशों से भी प्रौद्योगिकी आमंत्रित करनी होगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स पर आयात शुल्क बढ़ाने और निर्यात लाभ में इजाफा करने की बार-बार होने वाली मांग को देखते हुए गोयल ने जोर देते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण योजना के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव जैसे क्षेत्र में उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अंतत: सरकार के प्रोत्साहन को आगे आना होगा। अपने घरेलू मार्ग में विस्तार करने और अपना निर्यात बढ़ाने के लिए नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और विघटन के रास्ते का उपयोग करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर क्षेत्र का आह्वान करते हुए मंत्री ने कहा कि वे उद्योग जो अधिक आत्मनिर्भर हैं और सरकार के समर्थन के बिना बढऩे का प्रयास करते हैं, उन्होंने अपनी पहचान बनाई है।
मंत्री ने कहा कि भारत से निर्यात योजना (एमईआईएस) की तरह विशेष रूप से प्रोत्साहन पर निर्भर रहते हुए उत्पादों की प्रतिस्पर्धी क्षमता में वृद्धि नहीं हो सकती है क्योंकि ऐसी योजनाएं सीमित समय के लिए हैं तथा निर्यात प्रतिस्पर्धी क्षमता अंतर्निहित शक्तियों से आनी चाहिए।
ईएससी पूर्व अध्यक्ष नलिन कोहली ने कहा कि जहां एक ओर भारत ने सॉफ्टवेयर और बीपीओ खंड के निर्यात में अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं सॉफ्टवेयर उत्पादों में प्रदर्शन उत्साहजनक नहीं है, जिसमें वैश्विक व्यापार में आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्लाउड कंप्यूटिंग आदि पर ध्यान की जरूरत है।