रियल एस्टेट की नई परियोजनाओं की कीमत में इजाफा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:39 PM IST

इस्पात, सीमेंट आदि की इनपुट लागत में तेज वृद्धि से जूझने वाली रियल एस्टेट कंपनियों ने प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफा करना शुरू कर दिया है। डेवलपरों का कहना है कि पिछले एक महीने में इस्पात के दामों में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है और पिछले 40 से 45 दिनों में सीमेंट की कीमतों में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी संजय दत्त ने कहा, ‘हमने लागत वहन करने के लिए अपने सभी नए चरणों में कीमतों में सात से आठ प्रतिशत तक का इजाफा किया है।’ उन्होंने कहा कि अगर इनपुट की कीमतें एक महीने बाद नरम नहीं होती, तो कंपनी को हर तिमाही में दामों में दो से चार प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करनी होगी। दत्त ने कहा कि दाम वृद्धि का अब तक उनकी बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है।
इनपुट लागत में वृद्धि की वजह से टाटा रियल्टी ने इस उम्मीद से एक महीने के लिए सामग्री खरीद टाल दी है कि रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाएगा और आपूर्ति बाधा समाप्त हो जाएगी। दत्त ने कहा ‘हमें उम्मीद है कि वृद्धिशील लागत कम होकर पिछले साल के स्तर तक पर आ जाएगी।’ उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में इनपुट की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है तथा सात से 10 प्रतिशत और इजाफा होने के आसार हैं।
सभी प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपरों के मामले में हालात काफी हद तक एक जैसे ही हैं। उदाहरण के लिए बेंगलूरु की श्रीराम प्रॉपर्टीज अपनी नई परियोजनाओं की कीमतों में पांच प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर चुकी है तथा इस साल अप्रैल तक उनमें पांच प्रतिशत और इजाफा करने पर विचार कर रही है।
श्रीराम प्रॉपर्टीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एम मुरली ने कहा कि कंपनी के लिए लागत के दबाव से उबरने का एकमात्र तरीका दाम वृद्धि है। उन्होंने कहा, ‘हमने पांच से 10 प्रतिशत की लागत वृद्धि देखी है। इसलिए हमने कीमतों में इतनी वृद्धि की है।’
अलबत्ता मुरली ने कहा कि कीमतों में वृद्धि के कारण आवासीय आवास मांग में गिरावट का पूर्वानुमान लगाना जल्दबाजी होगा। उन्होंंने कहा कि पिछले छह से आठ महीने में मांग में अच्छी उछाल आई है। दूसरी तरफ आपूर्ति कम हो गई है, क्योंकि कई भागीदारों की संख्या कम हो गई है। बेंगलूरु की अग्रणी डेवलपर प्रेस्टीज एस्टेट्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक इरफान रजाक ने कहा कि लागत बढ़ गई है। निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों के दामों में इजाफा हो गया है। श्रम लागत भी बढ़ गई है। अगर हम नुकसान में नहीं जाना चाहते हैं, तो आवास के बिक्री मूल्य में कम से कम 10 से 15 फीसदी का इजाफा होना चाहिए। रजाक ने कहा कि 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भी अतिरिक्त लागत है। रजाक ने कहा कि डेवलपर पहले ही की जा चुकी बिक्री के लिए ज्यादा शुल्क नहीं ले सकते। 

First Published : March 21, 2022 | 11:32 PM IST