रियल एस्टेट के ठंडे बाजार के बीच खाली पड़ी संपत्तियों की बिक्री के लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने कीमतों में कमी लाने का फैसला किया है। आवास विकास परिषद के कीमतों में कमी लाने के फैसले के चलते दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अपना घर खरीदने का सपना देख रहे लोगों को राहत मिलेगी। आवास विकास परिषद के अकेले एनसीआर में ही 10000 से ज्यादा मकान बिना बिके हुए खड़े हैं।
अब अपने घर का सपना देख रहे लोगों को गाजियाबाद और मेरठ से लेकर लखनऊ तक में सस्ते फ्लैट खरीदने का मौका मिलेगा। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद अपनी विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े मकानों की कीमतें 25 फीसदी तक कम करेगा। इस फैसले के बाद गाजियाबाद, मेरठ और आगरा में हजारों की तादाद में खाली पड़े मकानों के बिकने का रास्ता साफ हो जाएगा।
गौरतलब है कि आवास विकास परिषद के प्रदेश भर में कुल 10,556 फ्लैट खाली पड़े हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 4866 फ्लैट गाजियाबाद के मंडोला व सिद्धार्थ विहार में हैं। मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में 1498 फ्लैट खाली हैं। इसके अलावा परिषद की सिकंदरा योजना आगरा में भी 74 फ्लैट खाली हैं। एनसीआर और आगरा के अलावा राजधानी लखनऊ में भी आवास विकास परिषद के 300 से ज्यादा प्लैट खाली पड़े हैं। हालांकि हाल ही में परिषद ने इन फ्लैटों की बिक्री के लिए आवेदन मांगे थे।
इन फ्लैटों के न बिक पाने की वजह से परिषद की बड़ी रकम फंसी हुई है। आवास विकास परिषद के अनबिके फ्लैटों के चलते काफी धनराशि फंसी हुई है और उसे नई योजनाओं के लिए जमीन खरीदने से लेकर विकास के लिए धन की कमी आड़े आ रही है।
दिल्ली एनसीआर में खाली पड़ी संपत्तियों को बेचने के लिए कीमते कम करने का प्रस्ताव पहले भी आवास विकास ने पारित कराने का प्रयास किया था।